राजानंदगांव: जिले में विभिन्न प्रकार के धान की फसलें पककर तैयार हो जाती हैं। किसान त्योहारी सीजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि उपज मंडियों में अपनी उपज की पहुंच बना रहे हैं। हालांकि, इस बार धान की हकीकत 14 नवंबर से सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर की जाएगी, लेकिन कई किसान आर्थिक किसानों और त्योहारी खर्चों को पूरा करने के लिए कम कीमत पर ही अपने धान बेच रहे हैं।

कम उम्र में धान की बिक्री
जिले की कृषि उपज मंडियों में प्रतिदिन लगभग 9 से 10 हजार कट्टा धान की पहुंच हो रही है। किसान समर्थन मूल्य से कम दर पर धान की बिक्री की जा रही है। वर्तमान मंडियों में धान की कीमत 1800 से 2560 रुपये प्रति औंस तक है, जबकि सरकारी समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति औंस मिल सकता है।

कृषि उपज मंडी में धान की बिक्री किसान तोरण दास साहू ने बताया, मैं दीपावली के खर्च के लिए धान की बिक्री आया हूं। मैं एक छोटा किसान हूं, पैसे की कमी के कारण कम दाम में अपना धान बेचने के लिए मजबूर हूं।

14 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की कीमत
इस साल धान की हकीकत 14 नवंबर से शुरू होगी, जबकि किसान चाहते थे कि यह प्रक्रिया 1 नवंबर से ही शुरू हो जाए। किसान मोतीलाल सिन्हा ने कहा, “सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की कीमत 14 नवंबर से शुरू की जाएगी, लेकिन विपरीत मौसम और आर्थिक तंगी के साथ किसान पहले ही मंडियों में कम दाम पर अपनी उपज बेच रहे हैं।” सरकार अगर धान का सौदा 1 नवंबर से शुरू करती है, तो किसानों को बेहतर कीमत मिल सकती है।

मंडियों में मिल रहे हैं कम दाम
राजनंदगांव के बसंतपुर स्थित कृषि उपज मंडी में किसान बड़ी संख्या में अपने नए धान लेकर पहुंच रहे हैं। यहां सरना, एच.एस.एम.आई., तूरा जूना, महामाया जैसी धान की जिज्ञासा की जा रही है। लेकिन, समर्थन मूल्य शुरू नहीं होने के कारण किसान कम फसलों में ही अपनी फसल बेचने को मजबूर हैं। किसानों ने सरकार से अपील की है कि भविष्य में धान की तारीख पहले बताई जाए ताकि उन्हें कीमत मिल सके और आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।

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