बिलासपुर. शहर की पहचान बनाने वाली कंपनी अरपा नदी में अब सालभर पानी उपलब्ध है और इसके सौंदर्यीकरण के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। शहरवासी लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए सरकंडा के शिव घाट और शनिचरी बाजार स्थित पचरी घाट के पास दो नए बारातघर तैयार हो गए हैं। इन बराजों के निर्माण से अरपा नदी में पानी का स्थायित्व संभव हुआ है। इससे न केवल शहर की सुंदरता में निखार आया है बल्कि शहरवासियों के लिए यह एक पर्यटक स्थल बन गया है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत नदी के दोनों भागीदारों पर ऊर्जा और विकास को गति देने की भी रूपरेखा तैयार की गई है। इस योजना के तहत नदी के किनारे के दो चौराहों का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र के मंदिर और बेहतर हो जाएंगे।
जल आपूर्ति के लिए काफी अहम
इस महत्वपूर्ण परियोजना के अंतर्गत बराज की विशाखीय राशि 4913.24 लाख रुपये है, जिसमें कुल 1998 वर्ग किलोमीटर जल ग्रहण क्षेत्र निर्धारित किया गया है। बराज की कुल लंबाई 334 मीटर और भूजल 3.50 मीटर है, जबकि इसकी जल भार क्षमता 1.80 मिलियन मीटर है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि यह परियोजना न केवल नदी के सौंदर्यीकरण बल्कि शहर की जल आपूर्ति और संतुलन को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
प्रदूषण है समस्या
शहरवासियों के लिए यह प्रोजेक्ट एक बड़ी सफलता वाली मनी जा रही है। अब यहां लोग सुबह-शाम नदी के किनारे टहलने और भगवान के दर्शन के लिए आते हैं। हालाँकि, नदी में मूर्ति विसर्जन और पुरातात्विक जल से प्रदूषण की गंभीर समस्या बनी हुई है। इसके लिए शहरवासी प्रशासन से आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
मिल रहा खूबसूरत नजारे का आनंद
शहर के समुद्रतट-अरपा नदी में बारा बनने से पानी का ढाँचा बना हुआ है, जहाँ इलाके के जंगलों में इज़ाफ़ा हुआ है। रिवर व्यू का प्राकृतिक आकर्षण शहर के पर्यटकों के लिए सुबह और शाम के समय यात्रा का प्रमुख स्थान बन गया है। बड़ी संख्या में लोग यहां इस खूबसूरत नजारे का आनंद ले रहे हैं। शहरवासी आशीष कुमार वर्मा का कहना है कि उन्होंने बचपन से इस इलाके को देखा था, लेकिन अब यहां बराज बनने के बाद बहुत बदलाव आ गए हैं। पहले पानी का अधिकार नहीं था और यहां पर गंदगी जमा थी। बाराज बनने से पानी के स्थायित्व के साथ-साथ इलाके की सुंदरता भी बढ़ी है।
स्वतन्त्रता के प्रति सलाहकार की आवश्यकता
श्याम मोहन ने बताया कि बाराज बनने के बावजूद शहर का गंदा पानी अरपा नदी में डाला जा रहा है, जिससे पानी पूरी तरह से जमा हो गया है। उनके अनुसार, नदी का पानी इतना गीला हो गया है कि इसमें हाथ तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। लोगों को स्वतंत्रता के प्रति जागरूक होना आवश्यक है।
रवि कुमार ने कहा कि शहरवासियों ने लंबे समय से बाजार की मांग पूरी कर रखी है और पानी स्थापित कर रखा है, जिससे लोग काफी खुश हैं। हालाँकि, नदी में रसायन का विसर्जन और कूड़े से पानी निकाला गया है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि पानी की स्वच्छता पर ध्यान दिया जाये।
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पहले प्रकाशित : 25 अक्टूबर, 2024, 17:15 IST