परिवार के साथ ताप्ती नदी के तट पर आए शुभम पुनीवाला ने जानकारी देते हुए बताया कि 400 साल पुरानी परंपरा का आज भी ज़िंदा होता है। यहां लोग रात के समय पिकनिक मनाने के लिए आते हैं। यह कहानी कुछ ऐसी है कि भगवान बालाजी महाराज अपने भाई गोविंद को आमंत्रित करने के लिए निकले थे
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