नरेंद्र सिंह परमार, छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सीनेटर वाली खबर है। यहां एक बच्चे का जन्म होता है ही अकेले ने उसे गुड़िया के झुंड में फेंक दिया। घटना का पता उस वक्त चला जब लोग उसके आसपास गुजरे। उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो चौंक गए। लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने लोगों की मदद से बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उनका कहना है कि चौथे केखिलाफ पर दोष सिद्ध होने पर एक्शन लिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, 15 अक्टूबर को पुलिस को सूचना मिली कि शहर के वार्ड नंबर-6, घुवारा नगर में नवजात शिशु आश्रम में रखा है। यह सूचना पुलिस की टीम के पास पहुंची। पुलिस ने देखा कि यह बच्ची स्थानीय लोगों के भगवान में है। इसके बाद पुलिस ने आसपास के इलाके से पवित्र दर्शन की कोशिश की। इस बीच टीम ने एमिरेट्स बुलवाकर बच्ची को जिला अस्पताल में स्थापित किया। यहां उन्हें स्टुअर्ट में भर्ती कर दिया गया. यहां ईसाइयों ने बताया कि बच्ची की हालत अभी स्थिर है। वकीलों की एक टीम लगातार अपनी जांच कर रही है। उस पर डायनासोर से नज़र जा रही है।

पुलिस ने कही ये बात
सब इंस्पेक्टर प्रेमो रोहित ने बताया कि मामला बड़ा तालाब मोआला का है। घुवारा नगर के वार्ड क्रमांक 6 में बच्ची मिली तो लोगों ने हमें सूचना दी। हम उन्हें इस अनुमान में क्रांतिकारी खिलाड़ियों की तलाश कर रहे हैं। जिस किसी भी इस बच्ची को इस लावारिस को हिरासत में लिया गया है, उसे बचाया नहीं जाएगा। हम स्थानीय लोगों की मदद से बच्चे को अस्पताल में भर्ती करते हैं। इस घटना का पता तब चला जब कुछ लोग इस इलाके से निकले। उन्हें रोने की आवाज आई तो वे चौंक गए। इसके बाद उन्होंने बच्ची को ग्रुप पुलिस को फोन किया। कुछ दिन पहले एक नवजात शिशु जैसी स्थिति मिली थी।

पहले प्रकाशित : 16 अक्टूबर, 2024, 06:56 IST

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