राजानंदगांव: जिमी कांडा की खेती से राजनंदगांव की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं और अच्छी आय प्राप्त कर रही हैं। ‘जिमी कांडा लगाओ, पैसा कमाओ’ अभियान के तहत महिलाएं लखपति बन रही हैं। जिले के 200 जिला में 20 लाख जिमी कांडा का स्मारक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा चार साथियों से इस अभियान को सफल बनाया जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है।

4 साल से चल रहा है “जिमी कांडा लगाओ, पैसा कमाओ” अभियान
राजनांदगांव में स्व-सहायता समूह की महिलाएं पिछले चार वर्षों से मां बम्लेश्वरी फेडरेशन के तहत “जिमी कांडा लगाओ, पैसा कमाओ” अभियान चला रही हैं। इस अभियान के तहत गांव-गांव में महिलाओं को जिमी कांदा की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह के पूर्णिमा सदस्य ने बताया कि जिमी कांडा की खेती से उनकी आय में वृद्धि हुई है और उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया गया है।

अभियान का मुख्य उद्देश्य
अभियान प्रमुख शिवकुमार देवांगन ने लोकल18 को बताया कि “जिमी कांडा लगाओ, पैसा कमाओ” अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया, “हमारी सोच है कि हर महिला कम से कम 300 जिमी कांडा का बीज बोए, जिससे उन्हें लगभग ₹13,500 की आय हो। पिछले चार वर्षों में लगभग 32 लाख जिमी कांडा का बीज लगाया गया, जिससे महिलाओं की लगभग ₹14 करोड़ की कमाई हुई है।

करोड़ों की हो रही कमाई
पिछले चार वर्षों में इस अभियान के तहत महिलाओं की करोड़ों रुपये की कमाई हुई है। स्व-सहायता समूह की महिलाएं जिमी कांडा बंधक आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने उत्पादों में वृद्धि कर रही हैं। इस अभियान से महिलाओं को आर्थिक क्षेत्र मिल रहा है और उनकी जीवनशैली में सुधार हो रहा है।

200 में 20 लाख जिमी कांडा सोलोमन का लक्ष्य
राजनंदगांव जिले में 20 लाख जिमी कांडा का लक्ष्य रखा गया है। पहले भी इस अभियान से करोड़ रुपये का लाभ महिलाओं को मिला था और अब यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिमी कांडा की खेती से लाखों की संख्या में महिलाएं जुड़ रही हैं।

2 साल में एक दोस्त का हो जाता है जिमी कांडा, 30 किलो से ज्यादा बिकता है
जिमी कांडा का बीज रोपने के दो साल बाद इसका वजन मोटाई किलो से अधिक हो जाता है। बाज़ार में इसकी बिक्री ₹30 प्रति किलो से अधिक होती है। जिमी कांडा की डिज़ाइन बहुत अच्छी है और इसे खाने वाले लोग पसंद करते हैं। इसके तहत महिलाओं को कम से कम 300 जिमी कांडा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे वे लगभग ₹13,000 से अधिक की आय प्राप्त कर सकती हैं और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकती हैं।

टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, स्थानीय18

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