भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शस्त्र-पूजन हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है. शस्त्र आत्मरक्षा, अन्याय और शोषण के विरुद्ध जंग का प्रतीक है। शस्त्रों का वर्णन ही धर्म और देश की रक्षा की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सप्तमी को लोकमाता अहिल्या बाई की कर्मभूमि महेश्वर में “दशहरे” के अवसर पर शस्त्र-पूजन कार्यक्रम को प्रदर्शित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महेश्वर में “अहिल्या लोक” बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शस्त्र पूजन के लिए महेश्वर को चुना गया, क्योंकि लोकमाता देवी अहिल्या सुशासन और लोक कल्याण का प्रतीक रही हैं।
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि महेश्वर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिए औद्योगिक बेल्ट विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां टूरिज्म विलेज भी बनाओ। जनता की इच्छा को लेकर जनता की इच्छा, निशानों का आधार सरकार चलाना ही सुशासन है। यह लोकमाता देवी अहिल्या बाई सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अवैध हथियार जब्त करने वाले सब इंस्पेक्टर को 31 हजार पिज्जा की प्रोत्साहन राशि के साथ कार्यक्रम में भक्तिपूर्ण मोना के लिए भजन मंडली को भी एक लाख पिज्जा की घोषणा की।
लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने सबका साथ-सबका विकास किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम किया। अपने राज्य की सीमा को सुरक्षित रखने के लिए वे जनजातीय समाज से भी मदद लेंगे। लोगों को रोजगार दिलाने के लिए देवी अहिल्याबाई ने क्रीड़ाओं, हैदराबाद, काशी और अन्य शहरों से स्मारकों को स्थापित कर महेश्वर में बुनकरों को काम दिया और महेश्वरी बस्ती के नाम से देश में एक अलग पहचान बनाई।
देवी अहिल्या के सिद्धांत चल रहे मोदी पर
देवी अहिल्याबाई ने नारी मुक्ति के लिए काम किया। उन्होंने महिलाओं के लिए नर्मदा तट पर अलग घाट बनायें। लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने पड़ोसियों के साथ मिलकर अपने राज्य को भी जनता के अभिभावक के रूप में स्थापित कर दिया। देवी अहिल्या के सिद्धांतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास की भावना लेकर काम कर रहे हैं और देश को निरंतर विकास की ओर ले जा रहे हैं।
भगवान राम ने भी अन्याय के विरुद्ध शस्त्र धारण किये थे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माता अहिल्या की 300वीं जयंती महोत्सव पर अहमदनगर का नाम अहिल्या नगर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार और वहां के मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने लोकमाता अहिल्या के राज्य की परिकल्पना को जीवन्त कर दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हुआ है. भगवान राम ने भी अन्याय के विरुद्ध शस्त्र धारण किये थे। उनकी इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज प्रदेश के सभी स्मारकों में शस्त्र पूजन के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। शस्त्र पूजन कार्यक्रम हमें आत्मरक्षा करना, अन्याय के विरुद्ध लड़ाई की प्रेरणा देना।
मकर संक्रांति पर्व के पास महेश्वर में कैबिनेट की बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आने वाले सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए महेश्वर के आशिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल में 5.50 करोड़ से मोती की सड़क का निर्माण कराया, झापड़ी में 5.50 करोड़ से मोती की सड़क का निर्माण किया, बंगरिया से सोमा खेड़ी तक 4.50 करोड़ की मुर्गी की सड़क का निर्माण, मंडलेश्वर कॉलेज का नाम मैरी मंडन मिश्र के नाम पर करने, क्षेत्र के 2 मंदिरों का जीर्णोद्धार करने, नारायण घाट का विस्तार करने, महेश्वर में टेक्सटाइल उद्योग को बढ़ावा देने, महेश्वर के पास औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, बड़वाह-धामनोद मार्ग पर बड़वाह में डिवाइडर बनाने की घोषणा की गई। उन्होंने स्थानीय न्यूनामिक एवं विधायक की मांग पर कहा कि मकर संक्रांति पर्व के पास महेश्वर में नागालैंड की बैठक होगी। उन्होंने कहा कि होटल और शोरूम की सीमाओं का सुधार करने के लिए परिसिमन आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग की रिपोर्ट में आने वाले जिलों एवं मुख्यालयों की सूची बदलेगी और आम जनता को सहयोग मिलेगा।
43 निर्माण कार्यों का कथानक और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने महेश्वर में 83 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत से 43 भवनों का निर्माण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने महेश्वर में पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए खरगोन जिला शासन द्वारा तैयार की गई “खरगोन वैभव पुस्तिका” का विमोचन भी किया। इस अवसर पर शासन की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हित लाभ का वितरण भी किया गया।
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पहले प्रकाशित : 12 अक्टूबर, 2024, 20:10 IST