बिलासपुर: छत्तीसगढ के बिलासपुर के बड़ी कोनी वार्ड क्रमांक 68 में अरपा नदी के किनारे हो रही भूमि कटाव ने लोगों के जीवन को खतरे में डाल दिया है। पिछले कुछ वर्षों में नदी 200 मीटर तक की भूमि खोदकर ले गयी है, जिससे इस क्षेत्र में बसे लोगों का तांता लग गया है। वहां रह रहे लोग प्रशासन से तुरंत राहत और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।अरपा नदी का कटाव अब तेजी से चुकाया जा रहा है। हाल ही में कोनी के कोटवार के घर का एक हिस्सा नदी में गिर गया, जिससे परिवार को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा।

इस दुर्घटना में उनका पोटा गंभीर रूप से घायल हो गया। कमला बाई मानिकपुरी जैसी स्थानीय महिलाओं का कहना है कि पहले कटाव धीमा था, लेकिन अब स्थिति खतरनाक हो गई है। इस स्थान पर ज्वालामुखी केंद्र स्थित था जो पहले नदी से 300 मीटर दूर था। अब 50 फीट की दूरी तय करनी पड़ी है, इस वजह से बच्चों के अभिभावक उन्हें सुपरमार्केट में डर महसूस करा रहे हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फोवा सेंटर को एक किराए के मकान में स्थानांतरित कर दिया।

अवैध निर्माण मुसीबत की जड़
यहां के स्थानीय निवासियों का आरोप है कि अवैध बिल्डर्स की समस्या को और बढ़ा दिया गया है। नदी के तट से नदी के किनारे की ओर रुख हो गया है और पानी का बहाव उधर की ओर बढ़ गया है। इस कारण बारिश के मौसम में भूमि कटाव की और भी अधिक हो गई है।

प्रशासन के अनुशासन पर स्थिर रहवासी
कटाव की भर्ती को देखते हुए, क्षेत्र के क्षेत्र ने प्रशासन से कई बार मदद की घोषणा की है। बारिश के दौरान मेयर और जनरल कमिश्नर ने भी निरीक्षण किया था, लेकिन ठोस सबूत अब तक नहीं मिल पाया है। लोगों का कहना है कि रिटेनिंग वाल बनाने का काम शुरू हुआ था, लेकिन गरीबों के वेतन के कारण यह काम रुक गया। राहवासी प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि उनका घर और जीवन सुरक्षित रहे। उनका कहना है कि अगर समय रहते उपाय नहीं किया गया तो आने वाले समय में बड़ा नुकसान हो सकता है।

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