लक्षेश्वर यादव/जांजगीर-चांपा: जिला मुख्यालय जांजगीर नैला में अग्रसेन भवन के सामने इस वर्ष आयोजित होने वाले दुर्गा उत्सव की चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां का सबसे खास आकर्षण है। स्वर्ण जड़ित 35 फुट ऊंचा मां दुर्गा की मूर्ति, जो पांच शेरों पर सवार स्वर्ण सिंहासन पर विराजित है।

थाईलैंड के अरुण मंदिर की प्रतिकृति
इस वर्ष दुर्गा उत्सव के आयोजन में थाईलैंड के विश्व प्रसिद्ध अरुण मंदिर की प्रतिकृति के आधार पर 160 फीट ऊंचा और 150 फीट का सहायक प्रवेश द्वार बनाया गया है। यहां की भव्यता और आकर्षक लाइटें लोगों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं। दुबई में दुबई के खलीफा साम्राज्य पर विशेष लाइटिंग और लेजर शो का कार्यक्रम भी चल रहा है, जो रात के समय पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना है।

41 वर्षों से दुर्गा उत्सव की परंपरा
श्री श्री दुर्गा उत्सव समिति के सदस्य गोपाल शर्मा ने बताया कि जांजगीर नैला में पिछले 41 वर्षों से दुर्गा उत्सव की परंपरा चली आ रही है। 2012 से हर साल दुर्गा उत्सव का एक नया स्वरूप सामने आता है, जिसकी पूरे देश में चर्चा का विषय बनता है। यहां की दुर्गा प्रतिमाओं में गोल्डन, सिल्वर, सिल्वर, अमेरिकन डायमंड और अन्य रत्नों का प्रयोग किया जाता है। पिछले वर्षों में यहां बबाल के माहिष्मती साम्राज्य और तट से बनी मूर्तियां भी आकर्षण का केंद्र रही हैं।

ध्वनि प्रभाव और लेजर शो
डेकोरेशन में साउंड सिस्टम इफेक्ट का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे लाइटें साउंड के साथ कमजोर हो जाती हैं। साथ ही, यहां लेजर शो भी आयोजित किया जा रहा है, जो दर्शकों के लिए एक अद्भुत अनुभव प्रदान कर रहा है।

लाखों अभ्यारण्यों के आकर्षण
जांजगीर नैला का दुर्गा उत्सव देखने के लिए हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं। इस वर्ष भी न केवल जिलों से, बल्कि पड़ोसी राज्यों और अन्य राज्यों से भी लोग मां दुर्गा के भव्य दरबारों और मनमोहक प्रतिमाओं के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। हर साल दुर्गा उत्सव में अलग-अलग थीम और साज-सजावट के कारण यह इवेंट यूनिवर्सल में मशहूर होता है।

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