अनुराग पांडे, भोपाल: भोपाल में महाराष्ट्र के प्रसिद्ध वड़ा पाव का स्वाद चखने की इच्छा रखने वालों के लिए एक खास जगह है – मह कुमारेश का “सतीश वड़ा पाव” ठेला। महेश की एक साधारण नौकरी से लेकर सफल उद्योगपति बनने की प्रेरणादायक यात्रा है।सात साल पहले बांदा से भोपाल आए महेश अब हर रोज सैकड़ों लोग मुंबई के वड़ा पाव का स्वाद चख रहे हैं, और उनकी रोजाना की कमाई देखकर आप हैरान हो जाएंगे।

कैसे शुरू हुआ बड़ा पाव का बिजनेस?
भोपाल के 7 नंबर बस स्टैंड के पास अपना ठेला लगाने वाले महेश कुमार ने लोकल18 से बातचीत के दौरान बताया कि इससे पहले उन्होंने मुंबई में 17 हजार रुपये की नौकरी की थी। एक दिन अचानक उन्हें पता चला कि वह लगातार काम नहीं कर रहे हैं। इसके बाद वह अपने गांव बांदा लौट आए और फिर भोपाल घूमने आए। यहां उन्होंने वड़ा पाव का ठेला शुरू किया, जो आज भोपाल में एक लोकप्रिय स्थान बन गया है।

हर दिन बिकते हैं सैकड़ों वड़ा पाव
महेश कहते हैं कि उनका ठेला हर रोज 5 से 6 सौ वडा पाव बिकता है, जिससे उनकी रोजाना करीब 10 हजार रुपये की कमाई हो जाती है। यह बात इस बात का प्रमाण है कि भोपाल के लोगों को उनका वड़ा पाव काफी पसंद है।

बेटे के नाम पर रखा बिजनेस का नाम
लोकल18 से बातचीत में महेश ने बताया कि उन्होंने अपने वड़ा पाव के ठेले का नाम “सतीश वड़ा पाव” रखा है और यह उनके बेटे का नाम है।

नासिक के स्पेसिफिकेशन से मिला घर का स्वाद
लोकल18 पर एक ग्राहक से भी बातचीत की, जो नासिक का रहने वाला है और पिछले कई साझीदारों से भोपाल में रह रहा है। वह दोस्त हैं, “जब भी मैं आशीष वड़ा पाव खाता हूं, तो मुझे घर की याद आ जाता है.यह वड़ा पाव बिल्कुल महाराष्ट्र जैसा स्वाद होता है, और ऑफिस ब्रेक में मैं इसे नियमित रूप से खाने के लिए आता हूं.”

सफलता की कहानी
महेश कुमार की ये कहानी इस बात का उदाहरण है कि अगर मेहनत और सही सोच हो, तो किसी भी काम में सफलता हासिल की जा सकती है। महेश ने नौकरी छोड़ी, खुद का बिजनेस शुरू किया, और आज वह अपनी मेहनत से रोजाना 10 हजार तक की कमाई कर रहे हैं। उनका ठेला भोपाल के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है, और अब वे अपने बेटे के नाम से अपना ब्रांड भी बना चुके हैं।

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