बिलासपुर: पढ़ाई-लिखाई बहुत कम ही लोगों को पसंद आती है। किसी मजबूरी में तो कोई सिर्फ पास होने के लिए, तो कोई अच्छी नौकरी पाने के लिए। एक कक्षा पास होने के बाद, छात्र अगली कक्षा में प्रमोट हो जाता है। लेकिन एक ऐसा शख्स है जो एक कोर्स को तीन बार करना चाहता है। बिलासपुर जिले के मस्तूरी में स्थित किलेबंदी पातालेश्वर के छात्रों में अलेक्जेंडर टायर ने तीसरी बार पिय्ज़ा की पढ़ाई के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया।

नाराज़ नाराज़ पर बैठे
कॉलेज में छात्रों से मुलाकात से लेकर अलेक्जेंडर नाराज स्ट्राइक स्ट्राइक पर बैठे और आत्मदाह करने की चेतावनी दी गई। अलेक्जेंडर ने इस दौरान पेट्रोल और सुसाइड नोट भी साथ दिए हैं। वह कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से स्ट्राइक वाली वर्कशॉप और प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रही है।

विद्यार्थी की प्रक्रिया पर विस्तृत प्रश्न
अलेक्जेंडर ने बताया कि जब उन्होंने विश्वविद्यालय से तीसरी बार पढ़ाई के लिए जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि तीसरी बार भी अध्ययन के लिए जाया जा सकता है, तो छात्र खाली हो जाएं। इसके बाद उन्होंने 25 सितंबर को मस्तूरी के अभिलेख पातालेश्वर कॉलेज में नामांकन सब्जेक्ट के लिए फॉर्म भरा। सीटें खाली थीं, लेकिन फिर भी उनका कोई खरीदार नहीं दिया गया। कॉन्स्टैंट कॉलेज के छात्र-छात्राओं के बावजूद भी बैठक में कोई ठोस जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने भूख हड़ताल का फैसला लिया।

दो विषयों की पहले ही पढ़ाई हो चुकी है
छात्रावास के भोजनालय भोजराम खूंटे ने कहा कि सिकंदर टांडर ने पहले ही दो विषयों में पीयाज की पढ़ाई कर ली थी, यही कारण है कि उन्हें दोबारा नहीं दिया जा रहा था। उन्होंने बताया कि कॉलेज की स्टाफ कमेटी ने निर्णय लिया है कि कोई भी छात्र या ग्रेजुएट तीसरी बार स्नातक और पीएचडी की पढ़ाई करना चाहता है, तो उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय के निर्देश-निर्देशों का उल्लंघन
बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय से प्रमाण पत्र पातालेश्वर कॉलेज मस्तूरी को प्राप्त है। इस विश्वविद्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ऐसा कोई नियम नहीं है जो तीसरी बार पीईए की पढ़ाई से जुड़ा हो। छात्र अलेक्जेंडर ने पहले भी इस कॉलेज से हिंदी और राजनीति शास्त्र में पीया की पढ़ाई की थी, लेकिन अब वे छात्र नहीं जा रहे हैं।

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