दीन गुप्ता, घर. वैसे तो सरकार पूरे छत्तीसगढ़ से गणतंत्र का खात्मा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन माओवादियों के गढ़ बाजारों पर निगाहें हैं। जंगल और आसपास के बड़े इलाके से जुड़े लोग अपने कई खतरनाक प्रेमी हैं। अब छात्रावास में छात्रावास खात्मे को लेकर सरकार की नवीनतम लड़ाई जारी है। साल 2024 की शुरुआत से अभी तक स्ट्रॉबेरी पुलिस के खिलाफ बड़ी-बड़ी सफलताएं मिली हैं। पुलिस ने यहां इस साल अभी तक 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. 157 से अधिक ब्लास्टर्स को मारा गया है। मारे गए अभिलेखों में कई बड़े कैडर के माओवादी शामिल हैं।
साज़िश है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक संपूर्ण भारत से छात्रावासवाद को ख़त्म करने की घोषणा कर दी है। इस बीच रेस्टॉरेंट में पिछले 8 महीनों में बड़े पैमाने पर विपक्षी ऑपरेशन हुए हैं। जंगल के जंगलों में अब तक हुए मछुआरों में मोर्टार ने एलएमजी, एके-47 और इंसास जैसे अवैध हथियार बरामद किए हैं. इसके अलावा मारे गए माओवादियों में आउटस्टॉक्विया फोटोग्राफर डीकेएसजेडसी जोगन्ना, डीकेएसजेडसी रंधेर, टीसीएस इन सागर, डीकेएसजेडसी रूपेश, डीसीएम वी शंकर राव, डीसीएम विंस, डीसीएम जगदीश, एसीएम रजिता, एसीएम लक्ष्मी, एसीएम संगीता शामिल हैं। प्रवासी खात्मे की आखिरी को देखते हुए पर्यावरण पुलिस एक-एक कदम आगे बढ़ रही है।
कार्टून का गिर रहा समूह
वैज्ञानिक है कि, छत्तीसगढ़ में माओवादियों की कम्युनिस्ट कॉन्स्टैंट गिर रही है। राज्य में अब वे बैकफुट पर हैं। प्रदेश सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ग्लासगो को साफ-साफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि या तो मुख्य धार में लौटें, या सफ़ाये के लिए तैयार रहें। कुछ महीने पहले ही सॉसेज ने माओवादियों को खुली चुनौती दी थी। रेनॉल्ड्स ने खतरनाक बटालियन के हेडक्वार्टर और उनके बॉस हिडमा के गांव पूर्वार्टी पर कब्ज़ा कर लिया था। यहां ईगल्स ने नया कैंप खोला है। ये अछूता बीजापुर जिला स्थित है। बीजापुर के इन यूरोप में युवा कई कैंप स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। सिलगेर में कैंप की स्थापना के बाद 30 जनवरी को टेकलगुड़ा में कैंप खोला गया था।
नई नीति पर काम कर रहे सीएम
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी हाल ही में कहा था कि वे छात्रावासवाद समाप्त हो गए हैं और मुख्य धारा में आने के लिए नई नीति पर काम कर रहे हैं। राज्य के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने 27 अगस्त को भी कहा था कि रेलवे की सरेंडर इमारतें और बेहतर हो रही हैं, सुविधाएं जुड़ी हुई हैं। हम चाहते हैं और डॉक्टर्स जीवन उनकी सुरक्षा करें। आतंकियों की स्थिति ऐसी है कि सरेंडर करने वालों को सात दिन के अंदर आप गन पकड़ाकर गनमैन बना सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 1 अक्टूबर, 2024, 15:10 IST