कोरबा: दुर्गा पूजा के अवसर पर कोयला कर्मचारियों के लिए शोरूम का आयोजन किया गया है। इस साल कोल इंडिया के कर्मचारियों को ज्यादातर 93,750 रुपये बोनस का भुगतान किया गया, जिसका लाभ 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपये होगा। इनमें से एससीसीएल के 36 हजार कर्मचारियों को भी लाभ का लाभ मिलेगा। नई दिल्ली स्थित कोल इंडिया के कार्यालय में स्टैंडर समिति की एक बैठक हुई, जिसमें लिंक्ड रिवार्ड (पीएलआर) फॉर्मूले के तहत लाभ का लाभ तय किया गया।

बैठक रविवार दोपहर 3 बजे शुरू हुई और करीब 6 घंटे तक चली। इस दौरान यूनियन के नेताओं ने सिंगरेनी कंपनी की 1 लाख रुपये के डिस्काउंट ऑफर की मांग की। पिछले साल कोयला मशीनरी को ज्यादातर 85 हजार रुपये का नुकसान हुआ था। कोल इंडिया मैनेजमेंट यूनियन और लीडर्स के बीच चर्चा के बाद इस बार 93,750 रुपये की राशि पर सहमति बनी है।

बोनस का संभावित लाभ
कोल इंडिया की डिवीजन सीएल कंपनी के अंतर्गत कोरबा जिले में गेवरा, कुसमुंडा, और दीपका जैसे तीन बड़े उद्योग हैं। कुल 36 हजार कर्मचारियों में से लगभग 11 हजार कर्मचारी एससीसीएल की खदानों में काम कर रहे हैं, जिनमें इस न्यूनतम बोनस का लाभ मिलेगा। एटक के केंद्रीय अध्यक्ष अजय देवगन ने बताया कि 9 अक्टूबर को कोयला कर्मचारियों और पर प्रतिबंध का भुगतान कर दिया जाएगा। इस प्रकार, नियमित कोयला कर्मचारियों के लिए 93,750 रु. बोनस की राशि निर्धारित की गई है, जिससे उनका त्योहार का माहौल और भी स्वादिष्ट हो जाता है। इसके अलावा सभी यूनियनों के अल्टरनेट सदस्यों ने भी एक्जीक्यूटिव पर हस्ताक्षर किये हैं। वजन घटाने वाले श्रमिकों ने संतोष को संतुष्ट किया है।

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