जांजगीर चांपा: जिले के हरदी महामाया के रहने वाले गौरव शुक्ला और सेवई गांव के पुजारी सिंह, दो दोस्तों ने अपने जीवन के बाद मेडिकल कॉलेज में अपना शरीर दान करने का संकल्प लिया है। दोनों ने मृत्यु के बाद देहदान का रजिस्टर भी लिखा है।

बुद्ध से कर रहे हैं सेवा
गौरव एवं विश्विद्यालय वर्तमान में नि:स्वार्थ सेवा संस्थान, छत्तीसगढ़ से जुड़े हुए हैं एवं विद्वान लोगों को सम्मानित कर रहे हैं। गौरव शुक्ला ने अब तक 10 बार, जबकि चौधरी सिंह ने 6 बार, अब तक 10 बार मूल्यांकन किया है। उनका उद्देश्य है कि उनके भौतिक शरीर का उपयोग मेडिकल विद्यार्थियों के लिए प्रेक्टिस में किया जाए, ताकि वे अच्छे डॉक्टर बन सकें।

सेवा का जज़्बा
गौरव और वकील ने लोकल 18 को बताया कि उन्हें सेना में जाने और देश की सेवा करने का मौका मिला था, लेकिन उनमें से कुछ भी सफल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के अनुसार, मृत्यु के बाद शरीर को अग्नि में जला दिया जाता है, इसलिए उन्होंने संकल्प लिया कि उनके शरीर को मेडिकल कॉलेज के अनुसार समाप्त कर दिया जाएगा।

परिवार का समर्थन
दोनों दोस्तों के इस जजमेंट पर उनके माता-पिता, नागार्जुन और दोस्त गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं। उनका मानना ​​है कि यह निर्णय समाज के लिए प्रेरणादायी है और इसके बाद आने वाली संन्यासी को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

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