जय जवान कहानियां श्रृंखला: माँ की बात न बेटियाँ की कभी इतनी बड़ी सजा, सूरज ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. मूल रूप से पता था, माँ की महत्व न तो अविश्वास, न ही उसे उसके सपनों पर भारी पड़ जाएगा, बल्कि जीवन भर के लिए एक सजा बन कर रह जाएगी। इस गुस्ताखी के लिए सूरज को एक पैरामिलिट्री फोर्स ने ऐसी सजा दी है, जिसे सुनने के बाद न केवल उसका रुह कांप गया, बल्कि उसके जीवन भर का नासूर बन गया है। पूर्वी, यह पूरा मामला पैरामिलिट्री फ़ोर्स में कॉन्टिनेंटल टैटू के लिए आवेदन करने वाले सन नाम का एक गोल-मटोल से बना हुआ है।
सूरज का बचपन से एक ही सपना था कि खाकी कपड़े देश की सेवा करें। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए सन ने सागर की कड़ी मेहनत के बाद खुद को पूरी तरह से तैयार कर लिया था। लंबे इंतजार के बाद उनका वजाइना भी हो गया और उन्होंने पैरामिलिट्री फोर्स में भर्ती के लिए आवेदन कर दिया। अपनी तैयारी की पूर्ति के लिए उसने भर्ती प्रक्रिया के दौरान तय समय से पहले न केवल अपनी दौड़ पूरी कर ली, बल्कि जमीन और जमीन की चौड़ाई जैसे मानकों पर भी खरा उतरा। भर्ती की इस प्रक्रिया को पार करने के बाद वह अच्छे अंकों के साथ लिखित परीक्षा भी पास कर लेगी। अब बारी थी टेक्निकल मेडिकल ए विशेषज्ञताजामिनेशन की।
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डूबबाई सूरज की सैर और याद आई माँ की स्तुति
सन डेंटल के 14 वें पेज पर टेक्निकल मेडिकल ए ऑक्सिटेनिक जैमिनेशन विफल हो गया। बस उनके पुराने साल पुराने सपने चकनाचूर हो गए और सारी क्षमताएं होने के बावजूद उन्हें पैरामिलिट्री भर्ती की रेस से बाहर कर दिया गया। सिर्फ एक दांत की वजह से जिस तरह से सन को रिक्रूटमेंट ग्राउंड से बाहर निकाला गया, उसने न केवल उसे देखा, बल्कि बाकी जिओलेट्स का कांप गया। डबबाई आई के साथ भर्ती ग्राउंड से बाहरी चेहरे ही सूरज को एक ही बात याद आ रही थी कि काश मां की बात मन कर दांतों का अच्छे तरह से ख्याल रखा जाता था, तो शायद आज यह दिन नहीं दिखता। शायद माँ की बात न स्तुति की सज़ा उन्हें आजानी पड़ रही थी।
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फौजदारी की भर्ती में 14 डेंटल पवाइंट का खेल शामिल है
पैरामिलिट्री की भर्ती प्रक्रिया से जुड़े सैन्य कर्मियों के अधिकारियों ने बताया कि सेना, पैरामिलिट्री और पुलिस की भर्ती में सेना, पैरामिलिट्री और पुलिस की भर्ती में सेना के दांतों का भी विवरण दिया जाता है। इस ए प्रमाणनजामिनेशन में हर जिम्बाब्वे को कम से कम 14 डेंटल पवाइंट सर्जरीकोर करने का मौका मिलता है। 14 से कम डेंटल पवाइंट मिर्ज़ाकोर करने वाले जिज़ाइल्स को भर्ती की रेस से बाहर देखें। फौजी में दांतों का इतना बड़ा सिद्धांत होता है, इस सवाल के जवाब में अख्तर ने बताया कि युवा दांतों पर दांत सही नहीं है, लेकिन दांतों को अच्छी तरह से चबाना नहीं चाहिए। जब खाने को अच्छी तरह से चबाया नहीं जाएगा, तो युवाओं को पेट से संबंधित बीमारी लग गई। देखो, कोई भी फौजदार किसी भी बीमार व्यक्ति को अपने यहां भर्ती नहीं करता है।
फौजदारी में ऐसी होती है डेंटल पवाइंट्स की काउंटी
पैरामिलिट्री के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हमारे होते जबड़े में चार तरह के दांत होते हैं। पहला- इंसाइज़र (कृंतक), दूसरा- केनाइन (कैनाइन), तीसरा- प्राइमोलर (प्रीमोलर) और चौथा- मोलर्स (दाढ़) है। पैरामिलिट्री से जुड़े हुए हैं। छोटे खाना बनाने में सबसे ज्यादा भूमिका मोलर्स की है, साख स्टूडियो में सबसे ज्यादा 12 पेज दिए गए हैं। इंजेक्शन के लिए 4, केनाइन के लिए 2 और प्रिमोलर के लिए 4 पवाइंट दिए गए हैं। इस तरह के दांतों के लिए कुल 22 पवाइंट्स लगाए गए हैं, जिनमें किसी भी तरह की दांतों की समस्या से कम से कम 14 अंक हासिल करने ही होते हैं। बता दें कि इस अकाउंटिंग में आपको आर्टिफिशियल टीथ शामिल नहीं है।
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पहले प्रकाशित : 14 सितंबर, 2024, 09:40 IST