मिलिये देसी कलाकार विश्वनाथ पटेल से! लोकल को भाषा बना दिया ग्लोबल

दमोह. मध्य प्रदेश के आंचलिक दमोह जिले के बटियागढ़ तहसील का एक छोटा सा गांव घुंघरा है। यहां के रहने वाले विश्वनाथ पटेल, राघवेंद्र सिंह लोधी और कक्का त्रि सुपर स्टार हैं। ये सांख्यिकी पेज, फेसबुक पेज पर अपनी कमाई इकट्ठा कर रहे हैं। ये जोड़ी बाए ने अपने देसी अंदाज में पहले वीडियो शूट किया है. फिर अलग-अलग सॉफ्टवेयर के मीडिया से वीडियो को एडिट कर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शामिल कर लेते हैं।

सबसे खास बात यह है कि युवाओं के साथ अब बुजुर्ग कक्का का नाम तरबर सिंह है, जो अलग-अलग जगहों पर पर्यटक रील की तैयारी कर रहे हैं। ये टीम केवल रेस्टॉरेंट ही नहीं है, जबकि कॉमेडी समेत अपने चैलेंजी परिवेश में अलग-अलग तरह के वीडियो भी शूट कर रही हैं। दिन में ये अपने निजी काम को पूरा करते हैं, फिर इसके बाद रील को तोड़ दिया जाता है। इन आंकड़ों के आधार पर यह कहा जाता है कि रीलों पर सक्रिय दिख रहे कक्का और युवा असल मायनों में सामाजिक उपकरणों से संबंधित रील तैयार करते हैं।

काल्पनिक दुनिया के राक्षसों में लोग हैं
एक सर्वे के मुताबिक देश में एक दिन में करीब 60 लाख से ज्यादा रील्स बनीं। ये सभी रील्स बाकायदा सोशल प्लेटफॉर्म मीडिया पर अपलोड भी की जाती हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों का रील्स बनाने के पीछे कोई उद्देश्य नहीं होता है, वे सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं, पूरे वीडियोज, फेन फॉलोअर्स होने के साथ-साथ पैसा कमाने के लोग इन सोशल मीडिया हैंडल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि ग्रामीण परिवेश से जुड़े रॉकेटों वाले कक्का, हल्ला और विभिन्न प्रकार के लोगों को बुंदेली रीति, रिवाज, मान सम्मान और परंपरा को अंतिम रूप देने का संदेश दे रही है।

याददाश्त होती जा रही है कम
रीलों के चक्कर में बड़ी संख्या में युवा अपनी दुनिया को छोड़कर युवा काल्पनिक दुनिया में जीना पसंद कर रहे हैं। ये दुनिया मुझे पसंद भी आ रही है। अंतिम सुख-दुख ढूंढ रहे हैं। जिसका परिणाम यह है कि वे मानसिक रूप से ख़राब हो रहे हैं और उनकी याददाश्त भी कम हो रही है।

ये है उद्देश्य
कक्का का रोल करने वाले तारवर सिंह लोधी और हॉले का रोल करने वाले राघवेंद्र सिंह लोधी ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि रील्स बनाना उनका एक ही मकसद है। जिस तरह की अलग-अलग अलग-अलग भाषाओं में उनका का चलन है, ठीक उसी तरह के आंचल में भी बुंदेली भाषा का चलन है जो हमारी क्षेत्रीय भाषा भी है और यही हमारी संस्कृति का भी चित्रण करती है।

टैग: दमोह समाचार, ताज़ा हिन्दी समाचार, जीवन शैली, लोकल18, एमपी समाचार

Source link

susheelddk

Related Posts

गूगल समाचार

नवीनतम समाचारों के लिए गूगल समाचार पर जाएं। Source link

चीन और यूरोपीय संघ के व्यापार अधिकारियों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैरिफ को लेकर अंतिम वार्ता

द्वारा: ब्लूमबर्ग | को अपडेट किया: 19 सितम्बर 2024, 17:55 अपराह्न चीन के प्रमुख व्यापार अधिकारी इलेक्ट्रिक कारों पर बढ़ते टैरिफ को टालने के लिए अंतिम प्रयास के तहत यूरोप…

You Missed

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा शुरू करेगा, इसका उद्देश्य प्रदूषण में कमी लाना है

उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा शुरू करेगा, इसका उद्देश्य प्रदूषण में कमी लाना है

गूगल समाचार

गूगल समाचार

गूगल समाचार

गूगल समाचार

गूगल समाचार

गूगल समाचार

कन्फर्म सीट की कोई कीमत नहीं, पूजा, दुर्गा, दीपावली और छठ के पर चलेगी स्पेशल ट्रेन

कन्फर्म सीट की कोई कीमत नहीं, पूजा, दुर्गा, दीपावली और छठ के पर चलेगी स्पेशल ट्रेन

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 148 लोगों की मौत हो गई है

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से कम से कम 148 लोगों की मौत हो गई है