सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार, पुणे नगर निगम (पीएमसी) सक्रिय जीका संक्रमण क्षेत्र में रहने वाली सभी गर्भवती महिलाओं की जांच करेगा।
पीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत ने बताया कि पीएमसी के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को सभी क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारियों, अस्पताल अधीक्षकों और चिकित्सा अधिकारियों को एक पत्र जारी कर निर्देश दिया है कि जीका प्रभावित क्षेत्रों के पांच किलोमीटर के दायरे में रहने वाली सभी गर्भवती माताओं की जीका वायरस संक्रमण के लिए जांच की जानी चाहिए।
एचटी ने 12 जुलाई को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्लू) द्वारा जीका वायरस प्रभावित क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य जांच के लिए जारी दिशा-निर्देशों के बावजूद पीएमसी ने इन क्षेत्रों की केवल 5% गर्भवती माताओं की ही जांच की थी।
पीएमसी के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सूर्यकांत देवकर ने कहा, “हम सक्रिय जीका वायरस संक्रमण क्षेत्रों से ज़्यादा से ज़्यादा गर्भवती माताओं का परीक्षण करना चाहते हैं। गर्भवती महिलाओं के रक्त और मूत्र के नमूने परीक्षण के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे जाएंगे।”
20 जून से लेकर अब तक पीएमसी ने जीका वायरस के 21 मामलों की रिपोर्ट की है, जिसमें 10 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। नगर निगम के 8 वार्ड कार्यालयों में अब जीका वायरस का सक्रिय संक्रमण है- कर्वे नगर-वारजे; हडपसर, कोथरुड-बावधन; औंध-बानेर, सिंहगढ़ रोड; नगर रोड, कोंढवा-येवालेवाड़ी और येरवाड़ा वार्ड कार्यालय। जीका प्रभावित क्षेत्रों में 2,408 गर्भवती माताएँ प्रसवपूर्व देखभाल के लिए पीएमसी द्वारा संचालित अस्पतालों में पंजीकृत हैं। हालाँकि, उनमें से केवल 167 (7%) का ही वायरस संक्रमण के लिए परीक्षण किया गया है।
केंद्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार, जीका प्रभावित क्षेत्रों की सभी गर्भवती माताओं को 2 अल्ट्रासाउंड जांच करानी चाहिए। पहला अल्ट्रासाउंड स्कैन गर्भावस्था के 18-20 सप्ताह और दूसरा अल्ट्रासाउंड स्कैन गर्भावस्था के 28-30 सप्ताह के बीच कराया जाना चाहिए।
संदिग्ध ज़ीका-पॉज़िटिव मामला
अधिकारियों ने बताया कि पीएमसी ने सोमवार को पौड फाटा की 23 वर्षीय गर्भवती महिला में जीका वायरस संक्रमण का एक और संदिग्ध मामला दर्ज किया।
अधिकारियों के अनुसार, महिला पांच महीने की गर्भवती है। वह कोथरुड के एक निजी क्लिनिक में गई थी और बुखार और चकत्ते जैसी शिकायत की थी। बाद में वह इलाज के लिए दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल गई।
पीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें निजी प्रयोगशाला से रिपोर्ट मिल गई है। इस क्षेत्र में निगरानी शुरू कर दी गई है और वायरस के संक्रमण की पुष्टि के लिए उसके नमूने एनआईवी को भेजे जाएंगे।”
पीएमसी की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कल्पना बलिवंत ने सोमवार को बताया कि संदिग्ध मरीजों के 11 सैंपल एनआईवी, पुणे भेजे गए हैं। इनमें से 10 सैंपल गर्भवती महिलाओं के हैं, 8 सैंपल कलस और एक-एक सैंपल पाषाण और दहानुकर कॉलोनी से हैं।