सागर: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में आभा आईडी से ओपीडी रजिस्ट्रेशन में सागर ने बाजी मार ली है। अबा आईडी का क्यूआर कोड स्कैन और शेयर करने के मामले में सागर प्रदेश में खुलासा हुआ है। यह अद्भुत मेडिकल कॉलेज में सफलता पाने वाले अभ्यर्थियों द्वारा ट्यूशन के माध्यम से ओपीडी पर्ची बनवाने से हासिल हुई है।
80 फ़ीसदी रजिस्ट्रेशन कर रहे यूट्यूब
बुंदेलखंड मेडिकल अस्पताल के सहायक अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि अस्पताल में आभा आईडी से ओपीडी रजिस्ट्रेशन की शुरुआत मई महीने में हुई थी। मेडिकल कॉलेज की औसत ओपीडी 1526 मरीज प्रतिदिन है। शुरुआती पखवाड़े में कॉलेज में आने वाले नौकरियों का सिर्फ 2 प्रतिशत व्यक्ति ही आभा आईडी के माध्यम से पंजीकरण करा रहे थे, यानी 20 से 25 प्रतिशत व्यक्ति ही टंकण जारी कर ओपीडी पर्ची बनवा रहे थे। इससे न केवल ओपीडी रजिस्ट्रेशन में पर्ची बनवाने के लिए लंबी कतारें लग रही थीं, बल्कि उपयुक्त को पूरा इलाज भी नहीं मिल रहा था। दो महीने के दौरान लाभों को आभा के फायदे बताए गए। पर्ची पांच मिनट में बनी तो उचित का रेल इस ओर बढ़ा। अब करीब 84 फीसदी मरीज यानी करीब 1200 मरीज आभा आईडी से ओपीडी रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। इससे फायदा के इलाज की प्रक्रिया तेज हुई है.
एक ही दिन में जांच और दवा
पहले एक दिन में केवल मरीज का पर्चा और डॉक्टर से चेकअप हो रहा था, जबकि अगले दिन दवा के लिए आना पड़ रहा था। लेकिन, अब आभा से ओपीडी रजिस्ट्रेशन कराने वाले मरीजों का चेकअप, रक्त संबंधी समस्याएं और दवाएं एक ही दिन में मिल रही है।
तेजी से बढ़ती संख्या
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पीएस ठाकुर ने बताया कि आभा आईडी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए किए गए प्रयासों में काफी सफलता मिली है। यही वजह है कि दो महीने पहले तक अस्पताल में 1 ये 2 फीसदी ओपीडी रजिस्ट्रेशन आभा टोकन के जरिए हो रहे थे, जो अब बढ़कर 84 फीसदी तक पहुंच गए हैं। यह सागर प्रदेश में अव्वल दर्जे पर पहुंच गया है।
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पहले प्रकाशित : 11 जुलाई, 2024, 24:08 IST