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ड्राई आई जागरूकता माह: ड्राई आई सिंड्रोम, जिसे केराटोकोनजंक्टिवाइटिस सिका के नाम से भी जाना जाता है, एक आम स्थिति है जिसमें आंखें पर्याप्त मात्रा में आंसू नहीं बनाती हैं या आंखों को ठीक से चिकनाई देने के लिए सही गुणवत्ता वाले आंसू नहीं बनाती हैं। इससे सूखापन, जलन, लालिमा, किरकिरापन और धुंधली दृष्टि जैसे लक्षण हो सकते हैं। ड्राई आई सिंड्रोम में योगदान देने वाले कारकों में उम्र बढ़ना, हार्मोनल परिवर्तन, लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग, पर्यावरणीय परिस्थितियाँ और कुछ चिकित्सा स्थितियाँ या दवाएँ शामिल हैं। यह सिंड्रोम दैनिक गतिविधियों और जीवन की समग्र गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है।
हेल्थ ग्लोबल के वरिष्ठ सलाहकार और बीएएमएस डॉ. विश्वास रंजन के अनुसार, यहां आठ आयुर्वेदिक उपचार दिए गए हैं जो सूखी आंख सिंड्रोम के लक्षणों को रोकने और कम करने में मदद कर सकते हैं।
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त्रिफला नेत्र प्रक्षालन: त्रिफला, तीन फलों (आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी) का मिश्रण है, जो अपने सफाई गुणों के लिए जाना जाता है। इसे बनाने के लिए, त्रिफला को पानी में उबालें, मिश्रण को छान लें और ठंडा होने दें। इस ठंडे घोल का इस्तेमाल आँखों को धोने के लिए करें। यह सूखापन दूर करने, सूजन कम करने और आँखों को साफ करने में मदद करता है, जिससे आँखों का स्वास्थ्य और आराम बढ़ता है।
घी का उपयोग: शुद्ध गाय का घी (स्पष्ट मक्खन) अपने पौष्टिक और चिकनाई गुणों के लिए जाना जाता है। सोने से पहले पलकों के आस-पास थोड़ी मात्रा में हल्के से लगाएँ। घी नमी बनाए रखने, जलन को शांत करने और सूजन को कम करने में मदद करता है। इसके प्राकृतिक चिकनाई गुण आँखों के स्वास्थ्य और आराम का समर्थन करते हैं, जिससे यह सूखापन को रोकने और आँखों के आस-पास की नाजुक त्वचा को बनाए रखने के लिए एक प्रभावी उपाय बन जाता है।
खीरे के टुकड़े: बंद आँखों पर खीरे के टुकड़े रखने से सूखापन और जलन से तुरंत राहत मिलती है। खीरे को उनके ठंडे और हाइड्रेटिंग गुणों के लिए जाना जाता है। उनके प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और उच्च जल सामग्री आँखों को हाइड्रेट करने, सूजन को कम करने और जलन को शांत करने में मदद करती है। ताज़ा अनुभव के लिए खीरे के टुकड़ों को अपनी आँखों पर 10-15 मिनट तक रखकर आराम करें।
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गुलाब जल: यह सूखी आँखों के लिए एक सौम्य और सुखदायक उपाय है। आँखों को ताज़ा और हाइड्रेट करने के लिए शुद्ध गुलाब जल का उपयोग आई ड्रॉप के रूप में करें, जिससे सूखापन और जलन कम हो। इसके प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जलन को शांत करने और नमी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं, जिससे एक ठंडा और ताज़ा प्रभाव मिलता है जो सूखी आँखों से जुड़ी असुविधा को काफी हद तक कम कर सकता है।
एलोवेरा जेल: यह अपने मॉइस्चराइजिंग और सूजनरोधी गुणों के लिए जाना जाता है, जब इसे आंखों के आस-पास लगाया जाता है तो यह सूखी आंखों को कम करने में मदद कर सकता है। आंखों के आस-पास थोड़ी मात्रा में शुद्ध एलोवेरा जेल सावधानी से लगाएं, आंखों के सीधे संपर्क से बचें। एलोवेरा त्वचा को हाइड्रेट करने, सूजन को कम करने और जलन को शांत करने में मदद करता है, जिससे सूखी आंखों को नमी और आराम मिलता है।
अरंडी का तेल: कोल्ड-प्रेस्ड, एडिटिव-फ्री कैस्टर ऑयल सूखी आंखों के लिए एक बेहतरीन प्राकृतिक लुब्रिकेंट है। सोने से पहले, प्रत्येक आंख में कैस्टर ऑयल की एक बूंद डालें। तेल की गाढ़ी स्थिरता नमी को लॉक करने, वाष्पीकरण को कम करने और सूखेपन के खिलाफ एक सुरक्षात्मक अवरोध प्रदान करने में मदद करती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जलन को शांत करते हैं और आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं, जिससे सूखी आंखों से राहत मिलती है।
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सौंफ़ की चाय सेक: सौंफ़ की चाय में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो इसे सूखी आँखों से राहत दिलाने में कारगर बनाते हैं। सौंफ़ की चाय तैयार करें, इसे ठंडा होने दें, फिर चाय में एक साफ कपड़ा भिगोएँ। कपड़े को बंद आँखों पर 10-15 मिनट तक रखें। यह सेक सूजन को कम करता है, जलन को शांत करता है और नमी प्रदान करता है, जिससे सूखी आँखों के लक्षणों से कोमल और प्रभावी राहत मिलती है।
पलक झपकाने के व्यायाम: नियमित रूप से पलकें झपकाने की एक्सरसाइज़ आँखों की नमी बनाए रखने और सूखी आँखों को रोकने में मदद करती है। पलकें झपकाने से आँखों की सतह पर प्राकृतिक आँसू समान रूप से फैलते हैं, जिससे वे चिकनाईयुक्त बनी रहती हैं। पूरी तरह से और बार-बार पलकें झपकाने का अभ्यास करें, खासकर लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग करने या गहन फ़ोकस के दौरान। इससे आँखों पर पड़ने वाला तनाव कम होता है, नमी बनी रहती है और आँखों का स्वास्थ्य बेहतर होता है, जिससे सूखी आँखों को रोकने के लिए यह ज़रूरी हो जाता है।