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जब गर्भनिरोधक चीजें ज्यादा चलन में नहीं थीं, तो लोग सेक्स के दौरान पुल आउट विधि का इस्तेमाल करते हैं। तब भी केवल दो या सिंगल लड़कों का नहीं था। यौन संक्रमण और करार का जोखिम भी आज की तुलना में बहुत कम था। पर आज बिल्कुल अलग हैं। इसके बावजूद अगर अब भी आप और आपके पार्टनर पुलआउट मैथड यूज कर रहे हैं, तो ये आपके लिए जोखिम कारक हो सकते हैं। स्वस्थ दृश्यों के लिए इस लेख में जानिए विस्तार से।
क्या होता है सेक्स में पुल आउट विधि
पुल विधि गर्भ से बचने का ये घरेलू लक्षण (और जो बिल्कुल भी नहीं है) है। इसमें पेनिट्रेशन के बाद मेल पार्ट पर इजैक्यूरेशन से पहले अपने पीनस को महिला की योनि से बहार निकालता है। ताकि स्पर्म एग के करीब जाने से बच जाए। इसे ज्यादातर लोग प्रैक्टिस में लाते हैं, जो कंडोम का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इसलिए यह योनि में शुक्राणु के अंदर होता है ताकि प्रवेश की राह रुक जाए, जिससे गर्भावस्था न हो। पुल आउट विधि को वैज्ञानिक रूप से “कोइटस इंटरप्टस” (सहवास इंटरप्टस) और “विथ्ड्रॉलअल विधि” (वापसी विधि) कहा जाता है।
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पुलआउट मैथड का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए
1 यह एक कठिन प्रक्रिया है
पुल आउट जितना आसान नहीं है, ये बोलने में उतना ही अच्छा लगता है। पुरुषों को इजैक्यूरेशन से ठीक पहले पीनस एक्सट्रेक्ट से खुद पर बहुत ज्यादा कंट्रोल करने की जरूरत होती है। कई बार तो कुछ पुरुषों को ऐसा महसूस नहीं होता कि वो इजैक हीलरेशन के करीब हैं।
इसलिए इस उपाय पर विश्वास करना कठिन है और कठिन है। क्योंकि यह प्रेगनेंसी के खतरे को बढ़ा सकता है। पुल आउट विधि उन्ही भूमिकाओं के साथ सुरक्षित है जिन पर आप विश्वास करते हैं। महिलाएं अपने सीक्वेल पर भी नजर रख सकती हैं और उन दिनों पुल आउट की विधि से बचा जा सकता है जब प्रेगनेंसी के चांस बहुत ज्यादा होते हैं।
2 नहीं हो पाता पूरी तरह पुलआउट
पुल आउट विधि का प्रयोग करने के बाद भी महिला प्रेग्नेंट हो सकती है। पुल आउट विधि अगर पूरी तरह से नहीं हुई है और महिला ओव्यूलेशन (पीरियड के 14 से 15 दिन पहले के समय में जब प्रेग्नेंसी होने की पूरी संभावना होती है) के समय पर प्रेग्नेंट होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। पूल आउट विधि पूरी तरह से नहीं हुई है तो भी प्रेक्षण होने की संभावना पूरी होती है क्योंकि शुक्राणु 7 दिनों तक जीवित रहते हैं।
अगर पुल पूरी तरह से आउट हो जाता है, तो इसकी संभावना बहुत ज्यादा होती है कि महिला को अंदाजा नहीं हो सकता। ऐसी पढ़ाई मेरे सामने आई है कि पूल आउट विधि का उपयोग करने वाली 100 में से 4 महिलाएं प्रेक्षित हो सकती हैं। यदि पुल आउट विधि पूरी तरह से नहीं होती है। अगर आप पूल आउट विधि का अभ्यास करती हैं, तो इस बात का ध्यान अपनी योनि के आसपास लगाएं न हो।
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3 खतरनाक हो सकता है दूसरा राउंड
यदि आप पूल आउट के बाद दूसरे राउंड के बारे में सोच रहे हैं तो पीनस के अंदर, पीनस पर या हाथों पर स्पर्म के कुछ अंश दिए जाते हैं तो बेहतर ये होगा कि प्रतिभागियों के राउंड से पहले सभी चीजों को अच्छे से धो लें।
यदि आपका अभिनय सही समय पर पूल आउट करता है तब भी आपके शरीर में शुक्राणु जा सकते हैं। इस तरह से पहले, पूरूषों में प्रिक्स-कम होता है जिसमें शुक्राणु हो सकते हैं। इस द्रव में सीमन जितना बड़ा शुक्राणु मौजूद नहीं होता है, लेकिन फिर भी इसमें शुक्राणु हो सकते हैं। प्री-कम जिसमें शुक्राणु होते हैं, यदि आपके शरीर में प्रवेश करता है तो आप प्रेग्नेंट हो सकते हैं।
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4 एसटीआई का जोखिम बढ़ सकता है
रोग विशेषज्ञ डॉ सुरभि सिंह के अनुसार कंडोम आपको सिर्फ प्रेग्नेंसी से ही नहीं, बल्कि यौन संक्रमण के जोखिम से भी बचाता है। पुलआउट मैथड के अभ्यास में आप शुक्राणुओं के निर्देशों से बचते हैं, लेकिन यौन संक्रमण का जोखिम जस का तस बना रहता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप भूल कर भी इस मैथड पर गारंटी न दें। हमेशा सेफ सेक्स का अभ्यास करें।