राजानंदगांव: शहर के महेंद्र नगर, लालबाग क्षेत्र में रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ. पुष्पा सिंह ने अपने घर की छत पर विशेष प्रकार की लोकी बनाई है, जिसकी लंबाई 4 से 5 फीट तक है। यह लोकी, सामान्य लोकी की तुलना में पतली है, लेकिन इसकी असामान्य लंबाई इसे आकर्षण का केंद्र बना रही है। डॉ. सिंह ने बिना किसी जैविक या रासायनिक खाद के इस फल को तैयार किया है।

बिना रासायनिक खाद के उगे अनोखे फल
डॉ. पुष्परा सिंह ने बताया कि उन्हें अपने छोटे भाई के फॉर्म हाउस से प्रेरणा मिली थी। ओंकारेश्वर की यात्रा के दौरान वहां एक फार्म हाउस से उन्हें एक विशेष लोकी प्राप्त हुई थी। लौकी को सुखाकर बीज निकाले गए और उनसे छह बीज निकाले गए। बिना किसी रासायनिक खाद के छत पर तैयार बेल अब इतनी बड़ी हो गई है कि छत तक पहुंच गई है।

दो महीने में तैयारी हुई फ़सल
अगस्त के अंत में लगाए गए माइक्रोस्कोप ने अक्टूबर के आरंभिक भाग में फूल देना शुरू कर दिया। अब, दो महीने के भीतर, 4-5 फीट लंबी लोकी की व्यावसायिक तैयारी हो गई है, जो आसपास के लोगों के लिए आकर्षण का विषय बन गई है।

ओंकारेश्वर से रिले गए बीज
डॉ. पुष्पा सिंह ने बताया कि ओंकारेश्वर द्वारा भेजे गए इन बीजों से अब अच्छी फसल प्राप्त हो रही है। सामान्य लोकी से कहीं अधिक लंबाई और कम लागत में उगाई गई इस लोकी की खेती से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने अन्य लोगों और किसानों से भी ऐसी ही फसल उगाने का आग्रह किया ताकि कम क्षेत्र में बेहतर उपज प्राप्त की जा सके।

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