अनूप सैनी/कोरबाः विश्वभर में 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य यह है कि लोगों को हृदय से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित किया जाए। वर्तमान दौर में देखा जा रहा है कि किसान कार्डियक के शेयरों में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसी स्थिति में सीपीआर एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो हृदयघात के वक्त पीड़ित व्यक्ति की जान बचा सकती है।
आजकल देखा जा रहा है कि हार्ट अटैक के मामले बहुत ज्यादा सामने आ रहे हैं। जिसमें व्यायाम करना या फिर डीजे में नाचते या बैठे हुए व्यक्ति को भी सदन कार्ड प्राप्त करना शामिल है। ऐसी स्थिति में हृदयघात से पीड़ित व्यक्ति को सीपीआर कार्यालय में भेजा जा सकता है। क्या आपको पता है कि पुराने समय में भी सीपीआर का प्रयोग किया गया था। जिसे सासुविरा आसन के नाम से जाना जाता है।
इस विषय को लेकर आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर नागेंद्र नारायण शर्मा ने लोकल 18 को बताया है कि पुराने समय से ही सदन कार्डियक के लिए एक पर्यटक से व्यक्ति के लिए आसन का उपयोग करना बताया गया है। राजा सत्यवान को अचानक ऐसा ही दिल का दौरा पड़ा था और रानी सावित्री को उनके सीने पर सिर पटक-पटक कर यमराज से अपने पति की जान वापस लेने की दवा लग रही थी।
ऐसा माना जाता है कि इस कादर सिर पटका पर दिल की झलक दिखाई देने लगी थी और कहा गया था कि यमराज यमराज से अपने मृत पति की जान वापस ले आए थे। ठीक उसी विधि से आज सीपीआर के रूप में हार्ट अटैक आने वाले व्यक्ति को दिया जाता है जिससे हृदय पर दबाव पड़ने के कारण हृदय फिर से देखना शुरू कर देता है।
पहले प्रकाशित : 27 सितंबर, 2024, 16:43 IST