सुकमा. छत्तीसगढ़ में साझीदार से लोहा ले रहे युवा मलेरिया से प्रभावित इलाक़े में रहते हैं। इस वजह से उनका ऊपर इस बीमारी का खतरा 24 घंटे का स्टॉक रहता है। पूर्वी, जिन एशिया में युवा वामपंथी विस्थापित रहते हैं, माओवादियों को ढूंढते हैं, वो क्षेत्र मच्छरों सहित कई टुकड़े-टुकड़े रहते हैं। कहा जा रहा है कि पुरा इलाक़ा प्रभावितों का पुरा जीव जंतु मलेरिया की चपेट में हैं। इलेक्ट्रानिक्स को नष्ट करने में इलेक्ट्रानिक अवशेषों का हाल ही में संसद में भी उठाया गया था। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने भी मलेरिया की चपेट में आकर स्पष्ट रूप से चिंता व्यक्त की।
बता दें डेज, युवा सुकमा, बीजापुर, दंतेवा, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव और जंगलों के जंगलों में कायम हैं। वे इन इलाक़ों में कैंप भी हैं। हालाँकि, छत्तीसगढ़ सरकार सत्तारूढ़ दल के लिए मच्छरदानी सहित कई मंदिरों की व्यवस्था करती है। पिछले महीने ही सुपरमार्केट जिले में करीब 20 कणों को मलेरिया हो गया था। उन्हें इलाज के लिए आवारागर्दी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ये सभी युवा किशोर ऑपरेशन के लिए नारायणपुर जिले के मासूमा इलाके में गए थे। कुछ महीने पहले सुकामा जिले के मुलेर कैंप में तीन कबाड़ी जवान मलेरिया की चपेट में आ गए थे। हालाँकि, कुछ दिन बाद ही सभी युवा अस्पताल से नामांकन कर दिए गए थे।
केंद्रीय मंत्री राय ने दी ये जानकारी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यूरोप में युवाओं से प्रभावित आश्रम पर चिंता जाहिर की है। उन्हें बताया गया कि पिछले पांच पूर्वी पूर्वी एशिया में पूर्वी सेंट्रल आर्म्ड पुलिस पर्सोनल (सीएफ़) के 577 सैनिकों की दिल के दौरे से मौत हो गई थी। ये युवा संयुक्त अरब अमीरात में महत्वपूर्ण सरकारी सचिवालय सहित कई मामलों की सुरक्षा के लिए स्थापित किए गए थे। उन्होंने कहा कि केंद्र ने वर्ष 2017-21 के लिए 991.4 करोड़ रुपये के बीच की परियोजना को प्रस्तावित किया है।
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पहले प्रकाशित : 7 अगस्त, 2024, 14:32 IST