ज़ब्त. मध्य प्रदेश के जबलपुर के जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर गोसलपुर के एक गांव में प्राइवेट स्कूल में बरातियों वाली टीचर्स के साथ उनके साथी ने नोबेल की पढ़ाई की। इस साल सबसे ज्यादा परेशान विद्यार्थियों ने दादी कर अपनी जान दे दी। जानकारी के अनुसार गांव में रहने वाला 50 साल का ओंकार पटेल का दूर का निवासी है। वो पिछले काफी समय से 22 साल की टीचर्स के साथ कोचिंग कर रहे थे। शनिवार की शाम को अवसर दिया। इस घटना से टीचर्स की जेबें सीधे घर तक पहुंच गईं। फिर उसने स्केच पैकेट टुकड़े टुकड़े की कोशिश की।

सुबह जब शिक्षकों के कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो लोग परेशान हो गये। परिवार ने डोर डोर डोर देखा तो प्राइवेट स्कूल के टीचर बेसुध पड़े थे। अन्य-अनावश्यक में इलाज के लिए उसे जबलपुर के सब्सट्रेट सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया, जहां उसका इलाज किया गया। इलाज के दौरान टीचर्स ने डॉक्टर से अपने साथ हुई बातचीत की। हालाँकि उसकी जान नहीं बची पाई.

पुलिस कर रही मामले की जांच
टीचर्स के अनुसार गांव में ही रहने वाले ओंकार पटेल ने पिछले काफी समय से अपनी टीचर्स के साथ काम किया था, लेकिन टीचर्स की समझ के बाद महिला इस बात को अंतिम रूप देती रही। लेकिन शनिवार की शाम को जब वह कहीं घूमने जा रही थी तो इसी तरह बीच में मलबे का अड़ा कर उसे सनसन स्थान पर ले जाया गया। फिर उसके साथ मिलकर उसकी जान ले ली और किसी को सूरत में उसकी खतरनाक हत्याएं करने के लिए मजबूर कर दिया।

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घटना का खुलासा होता है ही पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी और ओंकार पटेल को न्याय में ले लिया गया। निरीक्षण पुलिस ने मार्ग समूह ने शव को शव को शव के लिए रवाना कर दिया है।

टैग: जबलपुर समाचार, एमपी न्यूज़

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