खंडवा. खंडवा की एक महिला पुलिस को 14 साल जेल में रहना पड़ा। हत्या के इस मामले में उच्च न्यायालय ने कोई भी स्पष्ट सबूत नहीं दिया है, लेकिन इस जांच को करने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इस मामले में अदालत को यह भी पता चला कि महिला को उसकी गर्भवती देवरानी के साथ 3 और 2 साल के छोटे बच्चों के साथ तीन महीने तक जेल में रखा गया था। गर्भवती महिला जब तक जेल में रही, तब तक उसकी जमानत नहीं हुई। इस मामले में अब वकील उच्च न्यायालय ने महिला को दफना दिया है।
वैज्ञानिक है कि, यह मामला हरी भरी भगवान की मौत का है। उनकी मृत्यु 21 सितम्बर 2008 को हुई थी। केस से जुड़े अभियोग पक्ष के अनुसार, हरे के बड़े भाई की मृत्यु के बाद उसकी विधवा भाभी सन बाई उसके साथ ही रहने लगी थी। 15 दिन पहले ग्रीन और सन बाई के विवाद में हुई थी मौत. इस विवाद में ग्रीन ने सनबाई पर अपार्टमेंट हथियार से हमला किया था। भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अभियोग पक्ष के अनुसार 21 सितंबर 2008 को हरी की डेथ ट्री पर लटकी मिली।
पुलिस ने बनाया ये केस
उसके बाद सन बाई और हरी की पत्नी भूरी बाई की मृत्यु हो गई, उनके पेड़ की प्रस्तुतिकर बैलगाड़ी से अस्पताल ले जाया गया। यहां ईसाइयों ने हरी को मृत घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस की पूछताछ में लिखा है कि सूरज और भूरी बाई ने हरी को जहर देकर गला घोंट दिया। उसके बाद दोनों महिलाओं ने उसकी लाश को पेड़ पर लटका दिया। तो, ये आत्महत्या का मामला सामने आ गया। इसके बाद सेशन कोर्ट ने सन बाई को गैंग की सजा सुनाई। सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ सन बाई ने भी याचिका कर दी।
कोर्ट ने इन बातों पर दिया फोकस
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं की गई। गवाहों ने कहा कि मौत 15 दिन पहले सन बाई और ग्रीन का विवाद हुआ था। उसके बाद सूरज ने देवरानी भूरी के साथ मिलकर हरी पर कैरोसीन छिड़का। इसके बाद ग्रीन ने सूरज पर अपार्टमेंट हथियार से हमला किया था। सन बाई ने पुलिस से भी की थी मारपीट की शिकायत. लेकिन, पुलिस के रिकॉर्ड में यह बात ही दर्ज नहीं है कि सूरज ने हरी बात कैरोसिन छिड़का थी। उच्च न्यायालय ने यह भी नोट किया कि किसी ने भी हरे की मौत पेड़ पर टांगे हुए नहीं देखी। अभियोग पक्ष यह सिद्ध करने में भी विफल रहा कि नग्न महिला बैलगाड़ी पर उसकी मृत्यु हो गई। उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस ने यह भी जांच की, कि बालगाड़ी लेकर हरे को अस्पताल ले जाओ।
अभ्यर्थियों पर केस दर्ज करने का आदेश
इसके बाद उच्च न्यायालय ने सूरज बाई को हरी की हत्या के मामले में दफन कर दिया। अदालत ने आदेश दिया कि इलाके के थाने की जांच में शामिल कर्मचारियों और गवाहों पर मुकदमा चलाया जाए। बताया जा रहा है कि इस मामले में मृत हरी की मां सुकामा बाई, बहन फूल, भारती बाई और सुरेश भाई भी ऑटोमोबाइल के ऑर्डर दिए गए हैं।
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पहले प्रकाशित : 23 अक्टूबर, 2024, 11:12 IST