मोहन ढाकले/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के कानापुर गांव की 13वीं सदी की अभिनेत्री अभिनेत्री ने यह साबित कर दिखाया है। बेटियों का भी जिक्र बेटियों से कम नहीं हैं। स्केटिंग में अपनी शानदार प्रतिभा के दम पर कृतिका ने न केवल मध्य प्रदेश बल्कि कलाकार में भी अपने नाम का डंका बजाया है। अब तक वह 15 से ज्यादा गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।
कृतिका आठवीं कक्षा की हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने स्कूल में अन्य छात्राओं को स्केटिंग करते देखा था। उनके मन में भी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने का सपना जगा। इसके बाद उन्होंने स्केटिंग में अपनी यात्रा शुरू की। अपने माता-पिता और मार्गदर्शक राजेश बुंदेला के सहयोग से अपनी कड़ी मेहनत जारी रखें।
बेटी के संघर्ष की कहानी
दो वर्षों में कृतिका ने मध्य प्रदेश के 6 मोटरसाइकिलों के साथ-साथ राक्षसों में भी स्केटिंग का हिस्सा लिया है। अपने कौशल के बल पर कई पदक जीते हैं। हाल ही में एक प्रतियोगिता में उन्होंने तीन सिल्वर मेडल विजेता का आयोजन किया। अब उनका सपना है कि वे नेशनल प्रतियोगिता की तैयारी करें। सफलता भी मिलती है.
पिता किसान और माता शिक्षक
कृतिका के पिता किसान हैं, जो खेती के साथ अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। वे हर संभव प्रयास करते हैं कि कृतिका को आनंद में भाग लेने का अवसर मिले। वहीं, कृतिका की मां एक टीचर हैं। जो अपने छात्र-छात्राओं के साथ-साथ अपनी बेटी के भविष्य के लिए भी चिंतित रहते हैं। कृतिका का यह संघर्ष और भविष्य में और भी शिखर को खोजने का संकेत है। उनकी सफलता सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
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पहले प्रकाशित : 27 सितंबर, 2024, 20:10 IST