केशव कुमार/महासमुंद: जिले के ग्राम बड़े साजापाली क्षेत्र में पिछले एक साल से दो किसानों से अधिक हाथियों के झुंड के झुंड में धान की गुमटी को रचित कर किसानों को लाखों का नुकसान हो रहा है। वन विभाग द्वारा सासाइटीमीट एन मीटिंग से किसानों में सबसे बड़ा स्थान जा रहा है।
हेंडियों का प्रतिष्ठित बसेरा बन गया है हार्डी जंगल
हरदी जंगल के आसपास हाथियों का झुंड मर्चेंट आराम करता है और जैसे ही रात होता है, ये झुंड रेयशी जंगल और समुद्र में ग्यान धान की फसल को चिन्हित और रचितकर नुकसान पहुंचाते हैं। वन विभाग के अनुसार क्षेत्र में 28 हैंडियों का दल लगातार विचरण कर रहा है। किसानों का कहना है, यह स्थिति कई दिनों से जारी है और फसल क्षति की भरपाई के लिए सरकार द्वारा दिए गए प्लान से वे बंद नहीं हैं।
पौधे की राशि पर प्रश्न
किसानों के अनुसार, वर्तमान में 9000 रुपये का नुकसान हुआ है, उनकी लागत और नुकसान की कीमत बेहद कम है। किसान मांग कर रहे हैं कि वास्तविक नुकसान का डाक्यूमेंट्स में वृद्धि हो। उनका कहना है कि 20-28 में एक अखरोट का उत्पादन होता है और कीमत 62,000 से 86,000 रुपये तक बढ़ जाती है। ऐसे में केवल 9000 रुपये प्रति टोकन की कीमत काफी कम है।
हार्वेस्टर को भी नुकसान हुआ
हार्वेस्टर चालक कामता साहू ने बताया कि वह शाम को जूटपाली नेहरू में साहूकार के खेत में धान की कटाई कर रहे थे, तभी हाथियों की आवाज सुनकर वे डेर के मारे हार्वेस्टर खेत में छोड़कर घर चले गए। अगली सुबह देखा तो हार्वेस्टर का हाथियों ने बुरी तरह से तोड़ दिया था। हार्वेस्टर मालिक रामचरण साहू ने वन विभाग से प्लांट की मांग की है।
प्रसिद्ध मछली घाटी मंदिर भी नहीं बचा हाथियों के खजाने से
साजापाली क्षेत्र के प्रसिद्ध मुच्छली घाटी मंदिर को भी हाथियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर में स्थापित दो शेरों की मूर्तियां भी तोड़ दी गईं। यह मंदिर लगभग 25-30 में आस्था का केंद्र है, जहां हर तीन साल में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग और प्रशासन को इस लगातार बढ़ रहे हमलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि किसानों और स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।
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पहले प्रकाशित : 9 नवंबर, 2024, 13:45 IST