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भिलाईएक घंटा पहले
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![विद्यारतन भसीन। - Dainik Bhaskar](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/24/_1687551010.jpg?resize=720%2C540&ssl=1)
विद्यारतन भसीन।
छत्तीसगढ़ की वैशाली नगर विधानसभा से विधायक विद्यारतन भसीन का लंबी बीमारी के बाद 23 जून को निधन हो गया। उनका रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके देहांत की खबर के बाद से पूरा भिलाई शहर शोक में डूबा है। भास्कर ने जब विधायक के कुछ करीबी लोगों से बात की तो सभी ने यही कहा कि उनका खास भिलाई का हर एक व्यक्ति था। वैशाली नगर को हुई इस छति की पूर्ति कभी नहीं हो पाएगी।
![जेपी घनघोनकर, भाजपा नेता और स्कूल संचालक](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/24/_1687551054.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
जेपी घनघोनकर, भाजपा नेता और स्कूल संचालक
भास्कर ने विद्यारतन भसीन के करीब माने जाने वाले दिव्य अनुभूति विद्यालय के संचालक जेपी घनघोनकर से बात की तो उन्होंने कोरोना और डेंगू संक्रमण के समय की याद बताई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के समय लोगों ने दिखावा करते हुए मानव सेवा का ढिंढोरा पीटा। विधायक भसीन इस सबसे अलग थे। उन्होंने जान हथेली में रखकर लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टरों की सोची। उन्होंने गुप्त रूप से 5 लाख रुपए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला को दिया। जिससे वहां के स्टॉफ पीपीई किट और मास्क खरीदकर लोगों का सही इलाज कर सकें। इसी तरह डेंगू फैलने के दौरान वो खुद सुपेला अस्पताल में डटे रहते थे। लोगों को खड़े होकर इलाज मुहैय्या करवाते थे। चाहे कोई भी व्यक्ति हो वो उसे अपना मानते थे। उसका दर्द अपना दर्द समझते थे। उनके अंदर यही सबसे बड़ी खूबी थी। जेपी घनघोरकर की माने तो विद्यारतन भसीन ऐसे स्वभाव के व्यक्ति थे, जिसके अंदर नेता वाले दिखावे नहीं थे। वो एक सामान्य व्यक्ति की तरह लोगों से मिलते थे। कोई भी व्यक्ति आ जाए वो सभी के लिए काम करते थे। वो दूसरों का दुख नहीं देख पाते थे। यही कारण है कि उनके जाने के बाद भी लोगों के बीच इतना अधिक समामान मिला है।
![भाजपा पार्षद पीयुष मिश्रा](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/24/_1687551070.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
भाजपा पार्षद पीयुष मिश्रा
वैशाली नगर विधानसभा की छतिपूर्ति हो पाना असंभव
भाजपा पार्षद पीयुष मिश्रा का भी विधायक विद्यारतन भसीन के साथ बड़ा आत्मिक संबंध रहा। पीयुष ने बताया कि वैशाली नगर विधानसभा की जो छति हुई है उसकी पूर्ति करना मुश्किल है। विद्यारतन भसीन विधायक की तरह न चलकर सामान्य व्यक्ति की तरह रहते थे। वो कभी भी किसी भी समय आम लोगों के बीच चले जाते थे। उनके साथ बैठते थे। बातें करते थे। उनका व्यवहार ऐसा था कि अगर कोई व्यक्ति उनके पास गया होगा तो खाली हाथ नहीं लौटा। वो किसी को भी टालते नहीं थे। सभी का काम करते थे। भिलाई में आपको ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिलेगा, जो भसीन जी का आदमी न हो। यही उनकी सबसे बड़ी खासियत है। भारतीय जनता पार्टी का छोटा से छोटा कार्यकर्ता चाहे वो किसी नेता का आदमी हो वो उससे मिलते थे। उसे कभी इस नजर से नहीं देखते थे कि वो उसका आदमी है इसका आदमी है। सामान्यतः सरल होकर सभी से मिलना। सभी का काम आगे बढ़कर करना है। और सबसे बड़ी बात कि लोगों बीच अचानक निकल जाना। उनके बीच बैठना। लोगों को ऐसा लगता ही नहीं था कि विधायक उनके बीच बैठा हुआ है। वो एक सामान्य व्यक्ति के रूप में बैठकर लोगों से हंसी मजाक करते हुए बात करते थे। हम लोगों को ऐसा लगता ही नहीं था कि हम किसी बड़े नेता के साथ बैठे हैं। ऐसा लगता था कि हम अपने घर के किसी सदस्य के साथ बैठे हुए हैं।
![भाजपा पार्षद रिकेश सेन](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/24/_1687551089.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
भाजपा पार्षद रिकेश सेन
2005 में हुई सक्रिय राजनीति की शुरूआत
भिलाई नगर निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और रामनगर से भाजपा पार्षद रिकेश सेन का कहना है कि विद्यारतन भसीन ने सन 2005 में महापौर का चुनाव लड़ने के बाद से सक्रिय राजनीति में आए। जब वो महापौर बने तो रिकेश उन्हीं के वार्ड के पार्षद बने। उसके बाद से रिकेश लगातार 5 बार पार्षद बने और भसीन महापौर के बाद विधायक बनते चले गए। केवल वैशाली नगर ही नहीं पूरे भिलाई नगर निगम की जनता उन्हें बहुंत प्यार करती थी।