विशेष पिछड़ा जनजाति का दर्जा प्राप्त संरक्षित जनजाति, जिसका मुख्य निवास शहर से सुदूर पर्वत, वनांचलों में मिट्टी, खपरैल और घास-फूस से बना है, सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हैं। वे अपने लिए पक्की छत की व्यवस्था कर वास्तविकता, रोजी निर्माता बनाकर जीवन यापन करने वाले ऐसे समुदाय के लोग केवल अपना गुजराता ही कर पाते हैं।

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