राजानंदगांव: हरियाली वाहिनी अभियान के तहत देवी-देवताओं पर आस्था के पुष्पों का संग्रह किया जा रहा है। इन फूलों को नदी-तालाब में विसर्जित करने से रोकने के लिए स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने यह अनोखा प्रयास शुरू किया है। फूलों को एकत्रित कर सुखाने के बाद अगरबत्तियां बनाई जा रही हैं, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। इस अभियान के माध्यम से महिलाओं द्वारा जल एवं पर्यावरण संरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है।
शहर में जगह-जगह अभियान से एक साथ जा रहे हैं फूल
राजनांदगांव शहर के विभिन्न क्षेत्रों में हरियाली वाहिनी अभियान के तहत महिलाओं द्वारा आस्था के फूलों का संग्रह किया जा रहा है। विशेष अवसरों और त्योहारों पर देवी-देवताओं पर नदी-तालाबों में फूल चढ़ाए जाते हैं, बल्कि ये महिलाएं घर-घर और पिश्यों से फूल एक साथ कर रही हैं। इस प्रयास के माध्यम से जल प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी फैलाया जा रहा है।
अभियान के प्रमुख शिवकुमार देवांगन ने कहा, राजनांदगांव में हरियाली वाहिनी अभियान के तहत देवी-देवताओं पर चढ़े आस्था के फूलों को एक साथ लेकर हम जल प्रदूषण पर रोक लगाने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसके लिए ई-ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो स्ट्रीट-गैली फूलों का संग्रह कर रही हैं।”
आस्था के फूलों से बनी रही हैं अगरबत्ती
स्व-सहायता समूह की महिलाएं आस्था के फूलों को एक साथ मिलकर एंगिन अगरबत्तियों का निर्माण कर रही हैं। इन फूलों को सुखाने के बाद, महिलाओं द्वारा अगरबत्तियाँ बनाई जाती हैं, जो बेचने के माध्यम से अपनी आय का स्रोत बन रही हैं। इससे न केवल जल प्रदूषण को रोकने में मदद मिल रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक कदम आगे बढ़ाया जा रहा है। स्व-सहायता समूह ‘बमलेश्वरी’ महिला पर्यावरण संरक्षण और स्वावलंबन के इस उद्देश्य के साथ जुड़ा हुआ है, जिससे लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है।
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पहले प्रकाशित : 9 नवंबर, 2024, 15:31 IST