केम नारायण शर्मा, कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के सीनेटर वाली खबर है। यहां दबंगों ने एक फैमिली का हुक्का-पानी बंद करने का प्रोजेक्ट लॉन्च किया है। इसके बाद लोग इस परिवार से संबंध रखना तो क्या, बातचीत करने से भी उठ रहे हैं। रिश्ता, ये पूरा मामला एक ज़मीन का है। भूमि पीड़ित परिवार की है. परिवार ने जब इस पर घर बनाया तो दबंगों को यह रास नहीं आया। इसके बाद उन्होंने परिवार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इन सबसे सटीक वर्णन अब पीड़ित परिवार ने कलेक्टर से न्याय की भविष्यवाणी की है। इस मामले में सरपंच का कहना है कि परिवार का हुक्का-पानी बंद नहीं किया गया है, केवल बातचीत करने से मना किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवार ने गांव के मुखियाओं की बातों को नजरअंदाज कर दिया है. इसलिए यह निर्णय लिया गया.

बता दें, यह मामला कांकेर जिले के ग्राम जेपरा का है। यहां सिन्हा परिवार मुश्किलों से जूझ रहा है। यहां गांव के दबंगों-प्रमुखों ने इस परिवार का हुक्का पानी बंद करने का ऑफर जारी किया है। इसी वजह से गांव वालों ने परिवार के यहां आना-जाना बंद कर दिया है। लोग इस परिवार के सदस्यों से बातचीत करने से भी कतराने लगे हैं। लोगों के इस व्यवहार से परेशान पीड़ित परिवार से मुलाकात। परिवार ने नामांकन को भी निर्दिष्ट किया। परिवार ने इस मामले में रजिस्ट्रीकरण का अनुरोध किया है।

यह विवाद का मूल कारण है
पीड़ित परिवार के मुखिया सिन्हा और युवराज ने बताया कि दबंगों ने बा कायदा गांव में हुक्का-पानी बंद करने की मुनादी कराई है। उन्होंने यह वीडियो भी दिखाया। उन्होंने बताया कि गांव के मुखियाओं ने जमीन लेकर यह कदम उठाया है। हमने अपने सुपरमार्केट में घर बना लिया है। अर्थात्, जमीन के पास में ही गांव का वार्षिक मेला लगता है। इस खोखे में इस जमीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की जा रही थी। इसलिए हमने अपनी जमीन पर मकान बनवा लिया। गांव के प्रमुख हम उस जमीन को छोड़ने के लिए कह रहे हैं। जबकि, वह जमीन हमारी संपत्ति है। इस मामले में गांव के सरपंच ने कहा कि परिवार का हुक्का पानी बंद नहीं हुआ है। सिन्हा परिवार ने गांव की सहमति से घर बनाया है। इसलिए हमसे बातचीत करना मना है।

पहले प्रकाशित : 9 अक्टूबर, 2024, 14:51 IST

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