सागर. खाने-पीने को लेकर सागर के कई व्यंजन देश-विदेश तक मशहूर हैं, लेकिन पानी के मौसम में तैयार होने वाली स्पेशल मिठाई “फैनी” का स्वाद बेहद लाजवाब है। एक बार खाने के बाद यह बार-बार खाने का मन करता है। खास बात यह है कि यह सावन और भादो के महीनों में ही प्रचलित है। इन महीनों में लाइब्रेरी की वजह से इसका असली स्वाद होता है। इसलिए साल भर में केवल एक से दो महीने तक ही इसकी स्थापना और समीक्षा की जाती है। सागर में यह बड़ा बाजार और कटरा बाजार की चुनिंदा चार दुकानें हैं।
शुद्ध घी में तैयार होती है मिठाई
बिग मार्केट में पिछले 25 साल से फैनी की मिठाई बेच रहे महेंद्र कुमार नेमा को बताया है कि उनके दादा परदादा के दामन से ये मिठाई बनी हुई है। उनकी मिठाई की दुकान भी है, लेकिन जैसे ही बारिश का मौसम शुरू होता है तो यह विशेष मिठाई रोज बनाई जाती है और रोज बेची जाती है। 200 से लेकर 600 तक इसकी कीमत है. 200 वाली डालडा और शकर मिश्रित होती है। 400 वाली शुद्ध घी और शक़्कर मिश्रित है। 600 वाली केवल शुद्ध घी में बनी फैनी होती है। केवल शुद्ध घी में तैयार होने वाली यह मिठाई शुगर के नुकसानदायक नहीं होती है। वह भी इसे बड़े मजे के साथ खा सकते हैं।
ऐसे लौंडेबाज हैं मिठाई
महेंद्र कुमार कहते हैं कि यह मिठाई भोपाल, विदिशा और सागर जिले के अलावा कहीं नहीं मिलती। इसे बनाने में लागत तो काम आती है, लेकिन मेहनत ज्यादा लगती है। यह केवल मैदा, घी और शकर से तैयार किया जाता है. सबसे पहले मैदा को पानी नोबेल गूँथते थे। फिर इसकी खानदानी करते हैं. फिर लोई को कचौड़ी के रूप में खाते हैं। तेल में मूर्तिकला निर्मित होती है तो यह कांच की तरह खुलती है वहीं दूसरे चूल्हे पर बनी दुकान में शकरा का शीरा तैयार किया जाता है, इसी शीरा में फैनी रखी जाती है।
पहले प्रकाशित : 23 अगस्त, 2024, 12:49 IST