खरगोन. मध्य प्रदेश- भारतीय लोक कथाओं में सांपों के दूध पीने से संबंधित कई कहानियां और मिथक प्रचलित हैं, लेकिन क्या वास्तव में सांप का दूध पीया जा सकता है? और यदि हां, तो कितनी मात्रा में. इसी रहस्य को उजागर करने के लिए फेमस एक्सपोर्ट्स महादेव पटेल ने सामाजिक और वैज्ञानिक कारणों को विकसित करने का बखूबी प्रयास किया है।
सांपों का प्राकृतिक आहार
खरगोन के रहने वाले सापों के जानकार महादेव पटेल ने लोकल 18 को बताया कि सांप प्राकृतिक रूप से मांसाहारी होते हैं और उनके आहार में मुख्य रूप से छोटे जानवर, पक्षी, मेंढक और कीड़े शामिल होते हैं। उनकी आहार प्रणाली दूध को पचाने के लिए उपयुक्त नहीं होती है, क्योंकि उनके शरीर में आवश्यक एंजाइम की कमी होती है जो दूध में मौजूद लैक्टोज को पचाने के लिए आवश्यक होता है।
मिथकों का जन्म
भारतीय लोक कथाओं और पुरानी कहानियों में सांपों के दूध पीने के कई प्रसंग मिलते हैं। यह मिथक संभवतः इसी धारणा से निकला है कि सांप गांवों में जाकर दूध चुराते हैं। असल में, सांप अक्सर चूहों की तलाश में घरों में प्रवेश करते हैं, जहां उन्हें कभी-कभी दूध के बर्तनों के पास देखा जाता है।
वैज्ञानिक परीक्षण से यह सिद्ध हुआ
विभिन्न वैज्ञानिक परीक्षणों और शोधों से यह साबित हुआ है कि सांप का दूध नहीं पीया जाता है। अगर वे दूध पिलाने की कोशिश करते हैं, तो वे इसे अश्वभाविक तरीके से स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। सांपों के लिए दूध पीना अश्वभाविक है और यह उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है।
सांपों का सबसे बढ़िया दूध सेवन
चूंकि सांपों का पाचन तंत्र दूध को पचाने में असमर्थ है, इसलिए यह कहना है कि एक दिन में सांप कितनी मात्रा में दूध पी सकता है, व्यर्थ है। सामान्य स्थिति में, यदि सांप को दूध दिया जाए, तो वह संभवतः कुछ ऊँचाई से अधिक नहीं पीती। यह भी उसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति के विरुद्ध होगा।
सांपों के दूध पीने का मिथकवैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत साबित होता है। उनके प्राकृतिक आहार में दूध का कोई स्थान नहीं है और यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। लोक कथाओं और मिथकों का अपना स्थान है, लेकिन वैज्ञानिक रुझानों के आधार पर हमें इन बातों को जोड़ना और स्वीकार करना चाहिए।
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पहले प्रकाशित : 14 जुलाई, 2024, 23:09 IST