खरगोन. अभी बारिश का मौसम एक महीने से ज्यादा समय तक रहने वाला है। ऐसे में घर में या आसपास सांपों के आने का डर बना रहता है। लेकिन, ये डर तब और बढ़ता जा रहा है, जब आपके मकान के आसपास कुछ ऐसे पेड़ हैं, जो सांपों को बेहद पसंद आते हैं। इसलिए ये जानना बहुत जरूरी है कि ये कौन से पेड़ हैं, ताकि समय रहते इन्हें तुरंत हटाया जा सके।
विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं जो सांपों को बेहद पसंद होते हैं और जिनके घर के आसपास रहने से सांपों का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपके घर के आसपास ये उपाय हैं, तो क्विंट या चटना ही बेहतर होगा। खरगोन के स्नेक कैचर महादेव पटेल ने ऐसे पाँच-पचास के बारे में बताया जो घर या आश्रम में बार-बार पाए जाते हैं।
ये उपाय हैं तो तुरंत हटाएं
1. लेंटाना का पौधा: लेंटा का पौधा अपने शानदार फूलों के कारण आकर्षक दिखता है, लेकिन यह सांपों को भाता है। इसके घने पत्ते और छोटे-छोटे फल सांप को छिपने और खाने की जगह पर उपलब्ध कराते हैं। विशेषज्ञ की सलाह है कि ये उपाय घर के आसपास से शुरू करना ही सुरक्षित है।
2. तुलसी का पौधा: तुलसी का पौधा धार्मिक और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसकी गंध और विषैली संरचना सांपों को आकर्षित करती है। इसे घर के अंदर ही ओबना सुरक्षित होता है और बाहर देखने से बचना चाहिए।
3. चंपा का पौधा: चंपा का पौधा अपने पुष्प के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसके पौधे और सांपों को छिपने के लिए उत्कृष्ट स्थान प्रदान किया जाता है। यह घर के मुख्य द्वार या दुकान के पास न कमरा है।
4. अवधारणा का पौधा: नींबू का पौधा भी सांपों को आकर्षित करता है। इसके अवशेष और सांप पर सांप आसानी से छिप सकते हैं। यदि आपके ऑर्केस्ट्रा में लैपटॉप का पौधा है तो उसे नियमित रूप से चंटते रहें।
5. अपराजिता का पौधा: अपराजिता का पौधा अपने नीले फूल के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह सांपों को भी बहुत भाता है। इसकी बेलें और घने साँपों के लिए छिपकली की सबसे अच्छी जगहें हैं। इसे घर के पास से खरीदें।
विशेषज्ञ की राय क्या है
जानेमाने स्नेक कैचर महादेव पटेल का कहना है कि “इनके घर के आसपास होने से सांपों का खतरा बढ़ सकता है।” अगर आपके घर के पास ये उपाय हैं, तो इन्हें तुरंत हटाने की कोशिश करें या चटनी बनाएं। अपने हॉस्टल को साफ़-सुथरा रखें. खासकर बारिश के मौसम में इस बात पर ध्यान देना जरूरी है।
(अस्वीकरण: इस खबर में दी गई सभी जानकारी और तथ्य बातचीत से बातचीत के आधार पर हैं। स्थानीय 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है।)
पहले प्रकाशित : 6 अगस्त, 2024, 17:14 IST