नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा है कि आरसीएस-उड़ान योजना के प्रावधानों के अनुसार व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) के लिए चयनित एयरलाइन ऑपरेटरों को अब तक 3,587 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
आरसीएस-उड़ान बाजार संचालित योजना है, जिसमें कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए एयरलाइनों द्वारा बोली लगाने के लिए असेवित और कम सेवा वाले हवाई पट्टियों/हवाई अड्डों को सूचीबद्ध किया जाता है। योजना के तहत अधिक गंतव्यों और मार्गों को शामिल करने के लिए समय-समय पर बोली दौर आयोजित किए जाते हैं। विशेष मार्गों पर मांग के अपने आकलन के आधार पर, इच्छुक एयरलाइनें उड़ान के तहत बोली लगाने के समय अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं। मंत्री ने कहा कि उड़ान के लिए आवंटित मार्गों में शामिल एक हवाई अड्डा जिसे उड़ान परिचालन शुरू करने के लिए उन्नयन/विकास की आवश्यकता है, उसे ‘असेवित और कम सेवा वाले हवाई अड्डों के पुनरुद्धार’ योजना के तहत विकसित किया जाता है।
हवाई अड्डे के विकास और तैयार होने पर, चयनित एयरलाइन ऑपरेटर (एसएओ) इन हवाई अड्डों को जोड़ने वाले उड़ान मार्गों पर परिचालन शुरू करते हैं। एसएओ को ऐसे उड़ान मार्गों पर एयरलाइन संचालन की लागत और अपेक्षित राजस्व के बीच अंतर, यदि कोई हो, को पूरा करने के लिए वित्तीय (व्यवहार्यता अंतर निधि या वीजीएफ) सहायता प्रदान की जाती है। अब तक उड़ान के पांच दौर के तहत 12 बोली चक्र आयोजित किए जा चुके हैं। मोहोल के अनुसार, उड़ान के तहत दिए गए कुछ मार्ग जो 3 साल की अवधि पूरी होने से पहले बंद हो गए थे, उन्हें उड़ान दौर 5.3 के तहत फिर से बोली लगाने के लिए पेश किया गया है।
गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मोहोल ने कहा कि निम्नलिखित कारणों से हवाई अड्डों के परिचालन में कभी-कभी देरी होती है:
- भूमि की अनुपलब्धता के कारण देरी हुई।
- कुछ हवाई अड्डों पर तकनीकी और परिचालन संबंधी बाधाएँ
- नये प्रवेशी एयरलाइनों द्वारा अनुसूचित यात्री परिचालक परमिट प्राप्त करने में विलंब।
- अन्य मुद्दे जैसे उपयुक्त विमानों की अनुपलब्धता, विमान पट्टे संबंधी मुद्दे, छोटे विमानों के रखरखाव संबंधी मुद्दे आदि।
- एसएओ को केन्द्र एवं राज्य सरकारों तथा हवाईअड्डा संचालकों द्वारा विभिन्न रियायतें भी प्रदान की जाती हैं।
हवाई अड्डा संचालक
- हवाई अड्डा संचालक आरसीएस उड़ानों पर लैंडिंग और पार्किंग शुल्क नहीं लगाएंगे।
- एएआई आरसीएस उड़ानों पर कोई टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग शुल्क (टीएनएलसी) नहीं लगाएगा।
- आरसीएस उड़ानों पर सामान्य दरों के 42.50% की दर से रियायती आधार पर एएआई द्वारा रूट नेविगेशन और सुविधा शुल्क (आरएनएफसी) लगाया जाएगा।
- चयनित एयरलाइन ऑपरेटरों (एसएओ) को सभी हवाई अड्डों पर इस योजना के अंतर्गत परिचालन के लिए स्व-ग्राउंड हैंडलिंग की अनुमति दी गई।
केंद्र सरकार
इस योजना की अधिसूचना की तारीख से तीन वर्ष की प्रारंभिक अवधि के लिए आरसीएस हवाई अड्डों से एसएओ द्वारा खरीदे गए विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) पर 2% की दर से उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा।
एसएओ को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों एयरलाइनों के साथ कोड साझाकरण व्यवस्था करने की स्वतंत्रता है।राज्य सरकारें अपने राज्यों के आरसीएस हवाई अड्डों पर:
राज्यों में स्थित आरसीएस हवाई अड्डों पर एटीएफ पर वैट को 10 वर्ष की अवधि के लिए 1% या उससे कम किया जाएगा।
यदि आवश्यक हो तो आरसीएस हवाई अड्डों के विकास के लिए न्यूनतम भूमि निःशुल्क और बिना किसी बाधा के उपलब्ध कराई जाएगी तथा आवश्यकतानुसार बहु-मॉडल अंतर्देशीय संपर्कता उपलब्ध कराई जाएगी।
आरसीएस हवाई अड्डों पर निःशुल्क सुरक्षा और अग्निशमन सेवाएं प्रदान करना।
आरसीएस हवाई अड्डों पर पर्याप्त रियायती दरों पर बिजली, पानी और अन्य उपयोगिता सेवाएं उपलब्ध कराना या उपलब्ध कराना।