कोचिंग के नए दिशानिर्देश: कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार ने एक नई गाइडलाइंस जारी की है। केंद्र सरकार ने कोचिंग द्वारा 100 प्रतिशत चयन या जॉब फ्लिपकार्ट जैसे लॉटरी पर रोक लगाने के लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकारी (सीसीपीए) के अनुसार कोचिंग सेंटर अब ऐसे दस्तावेजों का दावा नहीं कर सकता जो दस्तावेजों को अनारक्षित कर सकते हैं।
उपभोक्ता के आधार पर कार्रवाई
राष्ट्रीय उपभोक्ताओं पर आधारित कई विलयों के बाद सीपीए ने ये दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। अब तक, कोचिंग कोचिंग को 54 नोटिस जारी किए गए हैं और करीब 54.60 लाख रुपये का अनुमान लगाया गया है।
कोचिंग स्नातक के लिए लाइसेंस अनिवार्य
उपभोक्ता मामलों के सचिव निधि खरे ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य कोचिंग सेंटरों के खिलाफ नहीं है, बल्कि सुनिश्चित करना है ताकि उपभोक्ता अधिकार सुरक्षित रहें। नई दिशा- निर्देश के अनुसार कोचिंग सेंटरों को कोर्स की अवधि, फीस नीति, कोचिंग की साख और चयन दर जैसे विवरण से परिचय करना होगा।
सफलता का दावा करने पर प्रतिबंध
अब कोचिंग सेंटर बिना पूर्व सहमति के सफल छात्रों के नाम, फोटो, या प्रशंसापत्र का उपयोग नहीं कर सकता। इसके अलावा, उन्हें नोटबुक में अस्वीकरण प्रमुखता से चित्रित करना होगा। नई दिशा- निर्देश केवल शैक्षणिक सहायता, शिक्षा, दिशानिर्देश और प्रोत्साहन सेवाएँ लागू होती हैं, जबकि मार्गदर्शन, खेल और प्रोत्साहन सेवाएं इनका प्रभाव नहीं होती हैं।
पाठ्यक्रम की मान्यता सुनिश्चित करने पर जोर
सीपीए ने निर्देश दिया है कि कोचिंग सेंटर को अपने संबंधित सलाहकारों से संबंधित जानकारी प्राप्त करनी होगी और यह भी स्पष्ट करना होगा कि उनके पाठ्यक्रम की सामग्री प्राप्त है या नहीं।
उल्लंघन पर कड़ी सजा का प्रावधान
नई दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दंड का प्रावधान किया गया है।
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पहले प्रकाशित : 13 नवंबर, 2024, 19:47 IST