लक्षेश्वर यादव/जांजगीर चांपा: छत्तीसगढ़ में टेम्पल शहर के नाम से प्रसिद्ध शिवरीनारायण नगरी में नवरात्रि व दशहरा के पर्व को मनाने की तैयारी चल रही है। हर साल की तरह इस साल भी शिवरीनारायण के मेला ग्राउंड चौपाटी में इस साल नवरात्रि पर दुर्गा उत्सव में वृंदावन के प्रेम मंदिर के आविर्भाव पर भव्य भव्य आकर्षण बन रहा है। यह 90 फीट ऊंचा, 110 फीट लंबा और 200 फीट लंबा बन रहा है। यहां मां की प्रतिमा 32 फीट अलौकिक रूप में दर्शन होंगे। इसके साथ ही यहां श्री गणेश, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की प्रतिमाएं होंगी और शिष्यों को 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन होंगे। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए यहां पहली बार राष्ट्रीय मेला और 9 दिवसीय गरबा नृत्य महोत्सव का भी आयोजन होगा।

संस्था समिति की जानकारी
इस संबंध में समिति के सदस्य राजेश केशरवानी ने लोकल 18 को बताया कि वृंदावन के प्रेम मंदिर की प्रतिज्ञा पर भव्य दुर्गा मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। महाभारत के अंदर थीम पर सजावट की जा रही है। अंत में माता दुर्गा की 32 फीट की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और माता सरस्वती व माता लक्ष्मी जी के साथ-साथ गणेश जी और कार्तिकेय जी भी स्थापित होंगे। 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन यहां भी करने जाएंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और धार्मिक अनुष्ठान
नवरात्रि पर्व पर प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होगा। सात दिनों का गरबा महोत्सव 09 अक्टूबर को होगा और 09 अक्टूबर को पहली बार शिवरीनारायण में अपने गुरुदेव अख्तर (भोपाल) में आयोजित होगा। 12 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ी लोक कला पौराणिक ग्रुप द्वारा वेव गंगा के कार्यक्रम एवं डांडिया का भी विशेष रूप से आयोजन किया जाएगा। डांडिया और गरबा के आयोजन से युवाओं और परिवारों में उत्साह देखने को मिलेगा। सभी पारंपरिक परिधानों में साज-धजकर शामिल होंगे और संगीत की धुनें समूह में नृत्य करेंगे।

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मेले का आयोजन
इस वर्ष नवरात्रि एवं दशहरा के पर्व पर शिवनारायण में पहली बार 10 दिवसीय मेले का भी आयोजन होगा। इससे पूरे नगर में उत्सव का माहौल बना रहेगा। इस मेले में दुबई कॉर्निवाल, फिश टनल, और विभिन्न प्रकार के झूले, मीना बाजार, खाने-पीने के स्टॉल और मनोरंजन के कई साधन होंगे। मेले में बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए अलग-अलग प्रकार के क्षेत्रों की दुकानें और खेल उपलब्ध होंगे। धार्मिक पर्यावरण के साथ-साथ यह मेला सांस्कृतिक, सामाजिक, और व्यावसायिक साझेदारी का केंद्र बनता है। आसपास के क्षेत्र से भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। माता रानी के दर्शन करने छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य से भी स्मारक हैं।

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