नई दिल्ली: केंद्र ने शुक्रवार को कहा कि इसे बढ़ावा देने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किए जाने के पहले ही दिन 1.8 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र तैयार किया। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने तीसरा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) अभियान शुरू किया है, जो 1 नवंबर से 30 नवंबर तक देश भर के 800 शहरों और जिलों में आयोजित किया जा रहा है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “यह अब तक का सबसे बड़ा डीएलसी अभियान है।”
इसमें कहा गया है कि शुक्रवार शाम तक उत्पन्न डीएलसी की कुल संख्या 1.81 लाख थी। अभियान का फोकस फेस-ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने पर है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) अभियान के दौरान तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।
बयान में कहा गया है, “फेस ऑथेंटिकेशन को बुजुर्ग पेंशनभोगियों के लिए अधिक सहज और सुविधाजनक बनाया गया है और इसे एंड्रॉइड के साथ-साथ आईओएस पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।”
यह अभियान पेंशन वितरण करने वाले बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघों, रक्षा लेखा महानियंत्रक (सीजीडीए), दूरसंचार विभाग (डीओटी), रेलवे, यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से चलाया जा रहा है। बयान में कहा गया है कि इसका लक्ष्य देश के दूर-दराज के कोने में मौजूद सभी पेंशनभोगियों तक पहुंचना है।