लुधियाना जिले में मार्च से अब तक डेंगू के 32 मामले सामने आए

स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, मार्च से अब तक जिले भर में डेंगू के कम से कम 32 मामले सामने आए हैं।

इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा 100 प्रजनन जांचकर्ताओं को नामित किया गया है, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 50-50, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेंगू के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण को शुरू में ही रोका जा सके (एचटी फोटो)

संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं और 23 इलाकों को हॉटस्पॉट और हाई रिस्क एरिया घोषित किया गया है। ये इलाके हैं जालंधर बाईपास, बहाउर्के रोड, नूरवाला रोड, गगनदीप कॉलोनी, राहो रोड, इंदिरा कॉलोनी, निरंकारी मोहल्ला, मॉडल टाउन, जम्मू कॉलोनी, मॉडल टाउन एक्सटेंशन, किदवई नगर, मधुपुरी, फ़िलदगंज, मौजपुरा बाज़ार, शास्त्री नगर, पखोवाल रोड, हैबोवाल कलां, हैवाल खुर्द, छावनी मोहल्ला, कुंदन पुरी, सलेम टाबरी, रघुबीर पार्क और चंदर नगर।

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जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में डेंगू के मामले अधिक संख्या में देखे गए हैं, उन्हें हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है तथा जिन क्षेत्रों में डेंगू फैलने का खतरा अधिक है, उन क्षेत्रों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग की एंटी लार्वा विंग ने शहरी क्षेत्रों के लिए 18 और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 100 टीमें बनाई हैं। ये टीमें घर-घर जाकर सर्वे करती हैं।

जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ. शीतल ने बताया, “हमारी टीमें हर दिन ये गतिविधियां करती हैं और जहां भी कोई मामला सामने आता है, वहां 400 मीटर के दायरे में लार्वा की जांच की जाती है।”

इसके अतिरिक्त, विभाग द्वारा 100 प्रजनन जांचकर्ताओं को नियुक्त किया गया है, जिनमें से 50 शहरी और 50 ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेंगू के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जा सके और इसे शुरू से ही रोका जा सके।

डॉ. शीतल ने बताया, “हमने जनवरी में ही हॉटस्पॉट निर्धारित करके डेंगू की तैयारी शुरू कर दी थी। हर शुक्रवार को हम डेंगू विरोधी गतिविधियाँ करते हैं।”

उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताह में जिला डेंगू कमेटी की बैठक होगी तथा नगर निगम के सहयोग से चालान अभियान चलाया जाएगा, ताकि घरों व आसपास पानी जमा होने देने वालों पर लगाम लगाई जा सके।

इस वर्ष जुलाई माह को “डेंगू विरोधी माह” के रूप में मनाया जा रहा है।

2023 में जिले में डेंगू के 1,298 मामले दर्ज किए गए। 2022 में जिले भर में 1,077 मामले, 2021 में 1,829 मामले, 2020 में 1,355 मामले और 2019 में 1,509 मामले सामने आए।

डॉ. शीतल के अनुसार, इस बीमारी से सुरक्षित रहने के लिए लोग दो चीजें कर सकते हैं, पहला, अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को उच्च बनाए रखना और दूसरा यह सुनिश्चित करना कि उनके आसपास कोई स्थिर जल न हो।

उन्होंने कहा, “डेंगू संक्रमण ज़्यादातर कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को होता है। मज़बूत रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में बीमारी होने पर भी लक्षण नहीं दिखते। व्यायाम करने और अच्छा खाने की सलाह दी जाती है। सह-रुग्णता वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “जब भी आप शाम को बाहर निकलें तो सुनिश्चित करें कि आपका शरीर ढका हुआ हो और खुले अंगों पर मच्छर भगाने वाली दवाइयां लगाएं, खासकर बच्चों के लिए।”

उन्होंने कहा कि डेंगू फैलाने वाले मच्छर स्थिर पानी में पनपते हैं, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कूलर, गड्ढे, छत या अन्य किसी स्थान पर पानी एकत्र न हो।

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