सागर. कोल्ड खान पान की शैली के कारण लोगों में रक्तचाप की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस मर्ज की सबसे बुरी बात यह है कि एक बार अगर इसके सिस्टम से रिक्वायरमेंट हो जाता है तो फिर यह प्रकियाधिन दिन हो जाता है। इसे हाइपरटेंशन के नाम से भी जाना जाता है। अगर इसका सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह दिल की धड़कन, स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आयुर्वेद में ब्लड इंस्ट्रूमेंट को नियंत्रित करने के लिए कई प्राकृतिक उपायों का उल्लेख किया गया है, जिनमें से एक सबसे प्रभावी उपाय है लहसुन की काली और पानी का सेवन।
लहसुन का महत्व क्या है
लहसुन में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं। इसमें एलीसिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में सहायक होता है। यह रक्तचाप को कम करने में मदद करता है।
क्या है उपयोग विधि
रोज सुबह खाली पेट एक ताजा लहसुन की कली को छीलकर साफ कर दें। इसे अच्छे चौबकर से जोड़ा जाए ताकि लहसुन में मौजूद एलीसिन सक्रिय हो सके। लहसुन खाने के बाद एक गिलास गर्म पानी पी लें। यह प्रक्रिया लहसुन के प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होती है और पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाती है।
कितने दिनों में मिलेगा फ़ायदा
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. राहुल बरोलिया के मुताबिक, इस उपाय का असर धीरे-धीरे-धीरे-धीरे होने लगता है. नियमित रूप से इस उपाय को 15 से 30 दिन तक नशे से ब्लड डोज में सुधार महसूस होना शुरू हो जाता है। हालाँकि, यह व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और रक्त वाहिकाओं की स्थिति को प्रभावित करता है। कुछ मामलों में, रक्त प्रवाह में गिरावट का आकलन सप्ताह से पहले ही किया जा सकता है।
इन बेकार का फायदा है
लहसुन का नियमित सेवन रक्तचाप को स्थिर रखता है और हाइपरटेंशन के खतरे को कम करता है। लहसुन दिल की शांति से बचाव में भी सहायक है, क्योंकि यह रेलवे के स्तर को नियंत्रित करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। यह उपाय पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है, अगर इसे सही मात्रा में लिया जाए।
इन बातों का ध्यान
इस उपाय को सुबह खाली पेट ही अपनाएं ताकि लहसुन का असर पूरी तरह से मिल सके। अगर किसी को लहसुन से पेट में जलन या गैस की समस्या है तो उन्हें इस उपाय को सलाह से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यदि आप ब्लड लैबोरेटरी की अन्य दवाएँ ले रहे हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेकर इस उपाय को अपना लें, क्योंकि लहसुन ब्लड लैबोरेट्रीज़ के साथ कॉम्बिनेशन का असर बहुत कम हो सकता है।
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पहले प्रकाशित : 5 सितंबर, 2024, 21:57 IST
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