रतन टाटा: अगर कोई आपसे पूछता है कि रतन टाटा का सबसे करीबी कौन था, तो शायद आप कोई इंसान या उसके आस-पास रहने वाले लोगों का नाम जानते हों, लेकिन आपको बता दें कि रतन टाटा के जो दो लोग सबसे करीबी थे, वह इंसान नहीं बल्कि उनके दो लोग हैं सबसे अच्छे दोस्त थे. जी हां, इस बात का खुलासा रतन टाटा की कंपनी के एक सीईओ ने अपने इंटरव्यू में किया था, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। एक अखबार के दिए गए इंटरव्यू में टाटा टाटा के सीईओ आर वेंकटरमण ने रतन टाटा के बारे में बहुत सारी बातें बताईं। इस दौरान जब उनके रतन टाटा से उनके एस्ट्रोलॉजी की बात पूछी गई, तो साजिद ने कहा था कि गरीबी के सिर्फ दो ही दोस्त हैं, वो हैं- टीटो और टैंगो। ये दोनों उनकी प्यारी कुतिया के नाम हैं। वेंकटरमैन ने यह भी बताया कि ये दोनों जर्मन शेफर्ड हैं और वह टाटा के घर में दरवाजे पर स्थायी रूप से रहते थे।

अस्वीकृत किये गये अस्वीकरण के लिए कुट्टे की लाइन देखें
रतन टाटा इंसानों के साथ ब्रेकअप से भी बेइंतहा प्यार करते थे। अपने घर में कई पेट्स पाल रखे थे। उन्होंने अपनी तरह की तस्वीरें शेयर कीं, एमएसीएस ने इसी बात का अनुमान लगाया कि एक कुत्ते की तबियत खराब होने के कारण सुमित्रा ब्रिटेन की ओर से दिए गए एक सामान को तक खारिज कर दिया गया था। भारतीय बिजनेसमैन और एक फ्लैटर सुहेल सेठ ने रतन टाटा से जुड़े इस किस्से का जिक्र करते हुए बताया कि रतन टाटा ने एक बार अपने पेटी डॉग की हालत खराब होने पर ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट की लाइफ टाइम अचीवमेंट को खारिज कर दिया था।

यह सामान ब्रिटेन की रॉयल फ़ैमिली की ओर से दिया गया था। ब्रिटेन की रॉयल फैमिली ने इसके लिए रतन टाटा को आमंत्रित किया था। इसके लिए रतन टाटा फरवरी 2018 को लंदन में थे। रतन टाटा ने भी सहमति दे दी थी, लेकिन पिछली बार ओमेगा कुटे की टेबल खराब हो गई थी, जिसके कारण संतोष ने अपने इस सम्मेलन में जाने से इनकार कर दिया था।

सुहेल सेठ के अनुसार इस कार्यक्रम के लिए वह भी लंदन गए थे। वह कई दिन पहले कार्यक्रम से यहां पहुंचा था। लंदन पहुंचने के बाद रतन टाटा ने उन्हें फोन करके बताया कि उनके पेट की हालत खराब है और वह उसे ठीक नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में अख्तर लंदन आने का कार्यक्र म कैंसिल कर दिया है। प्रिंस चार्ल ने जब ये जाना, तो ‍सचिरात रतन टाटा की काफी बात कही। यही नहीं रतन टाटा ने मुंबई के टाटा ग्रुप के मुख्‍ययोग्यालय बॉम्‍बे हाउस के पास स्ट्रीट के कुट्टों के लिए केनेल और भोजन की एसेटव थॉलॉजी भी की थी।

रतन टाटा ने पेट्स के लिए अस्पताल खोले
अभी हाल ही में रतन टाटा ने पेट्स के लिए एक उदघाटन भी खोला था, जबकि समारोह में रतन टाटा ने कहा था कि उन पेट्स हॉस्पिटलों की अहमियत पता है। वकील ने यह भी कहा था कि मैं कुत्तों को परिवार का हिसासा बताता हूं, इसलिए मैंने अपने घर में कई सारे पेट पाल रखे हैं। टाटा ने पेट्स के लिए पांच प्लास्टिक अस्पताल का प्रबंध किया था, जिसमें एक साथ 200 से अधिक पेट का इलाज हो सकता है।

रतन टाटा के पसंदीदा कुटे ने दी श्रद्धांजलि
रतन टाटा के पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार पर शोक व्यक्त किया गया। उस समय
रतन टाटा के एक पालतू जानवर ‘गोवा’ ने आखिरी बार भी रतन टाटा का अभिनंदन किया था। बताया जाता है कि करीब 11 साल पहले इस पेट वाले कुत्ते को गांव की सड़क से हटा दिया गया था, इसलिए इसका नाम “गोवा” रखा गया। अब इसका वीडियो वायरल हो रहा है.

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