यहां है 1400 साल पुराना महावृक्ष, हर शुभ कार्य के पहले गांववाले लेते हैं आशीर्वाद – News18 हिंदी


कोरबा: प्रकृति की गोद में बसे छत्तीसगढ़ में भारत के सबसे पुराने जीवित वृक्षों में से एक साल का अजीब पेड़ मौजूद है। इस महावृक्ष को देखते ही लोगों की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। देवतुल्य मानक इस महावृक्ष की पूजा करके ही स्थानीय ग्रामीण किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं। 1400 साल पुराने महावृक्ष को देखने के लिए हर साल दूर-दूर से हजारों पर्यटक यहां आते हैं। लोक आस्था और महावृक्ष की सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम यहां हमेशा इसकी सुरक्षा में रहती है।

1400 साल पुराना वृक्ष कोरबा से 45 किलोमीटर दूर सतरेंगा गांव में आकाश को छूते हुए पहाड़ है। इस पूजा को गांव वाले मानक देवतुल्य इसकी पूजा करते हैं। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले इस पेड़ का आशीर्वाद लें। गांव के कई लोगों ने इस पेड़ को देखा है, इसलिए वे इस पेड़ में अपनी आंखों की यादों को देखते हैं। ही साथ उनका कहना है कि कई विदेशियों की आत्मा आज भी इस पेड़ में निवास करती है।

भारत में सबसे पुराने वृक्षों के तौर पर बोधि के बोधि संबंधित क्षेत्रों, कोलकाता व कर्नाटक के बरगद वृक्षों को जगह मिली है। लेकिन, कोरबा के सतरेंगा में स्थित 1400 साल पुराने महावृक्ष की पहचान केवल छत्तीसगढ़ तक ही सीमित है। वन विभाग के अनुसार यह सबसे पुराना जीवित वर्ष का वृक्ष है।

कोरबा के सतरंगा गांव में साल भर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं। यहां 2006 में इस महावृक्ष की खोज हुई थी। कोरबा वन विभाग की जानकारी पर जब इस महावृक्ष के चुनाव आयोग ने गुप्त रूप से अध्ययन किया, तब इसकी आयु 1400 वर्ष पाई गई। जोखिम स्थित वनिकी अनुसंधानकर्ताओं द्वारा परीक्षण में भी इसकी आयु की पुष्टि की गई। महावृक्ष की ऊंचाई 28 मीटर से अधिक है और जमीनी सतह पर गोलाई 28 इंच है।

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज न्यूज, सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज वेबसाइट News18 हिंदी|

पहले प्रकाशित : 06 फरवरी, 2023, 20:56 IST



Source link