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रिपोर्ट- निखिल मित्रा
अम्बिकापुर। गुड्डे-गुडियों की शादी बचपन में बच्चों के प्रिय खेलों में होती है। इस खेल से बच्चे बचपन में ही कहीं ना कहीं विवाह शब्द का अर्थ समझ समझ जाते हैं। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के एक गांव में भी बच्चे कुछ इसी तरह गुड्डे-गुड़ियों की शादी करवाते हैं। यह शादी कोई आम शादी नहीं होती बल्कि वास्तविक विवाह की तरह बजेला सजा कर रस्मे निभाकर हजारों रुपए खर्च कर गुड्डे-गुड़ियों का विवाह पंजीकरण किया जाता है।
सूरजपुर जिले के रामपुर गांव में गुड्डे-गुड़ियों के इस भव्य विवाह की परंपरा पिछले 3 साल से चल रही है। पहले यह बच्चों तक ही सीमित था। बच्चे के खेल-खेल में गुड्डे-गुडों के विवाह विवाह रचाते थे। इस साल से उन बच्चों के परिवार और गांव वाले भी इस शादी में शामिल हो गए और इसे एक भव्य प्रतिष्ठा का रूप दे दिया। अनोखी शादी में गुड्डे गुड़िया बिल्कुल दुल्हा-दुल्हन की तरह होती है। शादी के लिए शामियाना तैयार किया जाता है। शादी में सैकड़ों लोग शामिल हुए एक शादी को बनाने वाले हैं।
विवाह की स्थिति
सूरजपुर से 7 किलोमीटर दूर ग्राम रामपुर में 17 मार्च से तीन दिन गुड्डे-गुड़िया के विवाह का आयोजन किया गया था। इस विवाह में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए। विवाह के पहले दिन शादी के लिए बांस का बजेला बजाया गया। साड़ियों से गलत किया गया। दूसरे दिन गुड्डे गुड़िया के लिए हल्दी कार्यक्रम हुआ। तीसरे दिन रविवार को गुड्डे की बारात गुड़िया के घर पहुंची और पूरी विधि के साथ गुड्डे और गुड़िया का विवाह हुआ।
डीजे पर नाचे बाराती
डीजे में सभी बाराती नाचते दिखाई देते हैं और शाम को गांव के लोगों ने दावत का लुफ्त भी उठाया। गुड्डे गुड़िया के इस भव्य विवाह को देखकर कई लोग इस विवाह की मान्यता कर रहे हैं। इस तरह की स्थिति को और बढ़ावा देने की बात करते रहें। बहरहाल यह शादी की चर्चा का विषय है।
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पहले प्रकाशित : 20 मार्च, 2023, 16:01 IST