मैं बहुत दुखी हूं, जीवनदान दीजिए…दयनीय स्थिति में था ये तालाब, ग्रामीणों ने उठाया सफाई की जिम्मा


अनूप पासवान/कोरबाः- मैं तालाब हूं, मेरा अस्तित्व वर्षों पुराना है. पुराने जमाने में 12 महीनों तक पानी से लबालब भरा रहता था और चारों ओर हरियाली फैलाता था. वर्तमान में नई पीढ़ी द्वारा मुझे भुलाया जा रहा है, मेरा अस्तित्व खतरे में है. मानव द्वारा मेरे अंदर कचरा डालकर मुझे प्रदूषित किया जा रहा है. आज मैं बहुत दुखी हूं, मेरा आप सभी मानव से निवेदन है कि मुझे पुन: जीवनदान दें. मैं भी आपको बदले में जीवन जीने के लिए अमूल्य जल प्रदान करूंगा. आपके भूमि के जलस्तर को बनाये रखूंगा. आज के पोड़ीबाहर स्थित तालाब की यही दास्तां है.

तालाब की दयनीय स्थिति
आज हम कोरबा जिले के पोड़ीबाहर स्थित आदर्श मुक्तिधाम के सामने स्थित तालाब की बात कर रहे हैं. यह तालाब दशकों पुराना है और पूर्व में आसपास के लोगों की निस्तार के लिए यही एकमात्र साधन हुआ करता था. वर्तमान में तालाब की स्थिति ऐसी हो गई थी कि इसके पानी को कोई स्पर्श भी नहीं करना चाहता था. आसपास के क्षेत्र के लोग पूजा पाठ की सामग्रियों के अलावा इसमें कचरा फेंक कर निकल जाते थे. तालाब की ऐसी स्थिति को देखकर कुछ लोगों के मन में इसे सहेजने और बेहतर करने का ख्याल आया. इस कार्य को करने के लिए अब लोगों का कारवां जुड़ता जा रहा है. सभी वर्ग के लोग इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं और छोटे बड़े बुजुर्ग मिलकर स्वयं अपनी मेहनत और धनराशि खर्च कर सफाई अभियान चला रहे हैं.

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तालाब को बचाना बेहद जरूरी
डॉ. राजेश राठौड़ ने लोकल 18 को बताया कि आसपास के 8 वार्ड में तालाब नहीं है और ऐसे में अंतिम संस्कार से लेकर कई जरूरी कामकाज के लिए लोगों को पोड़ीबहार तालाब पर ही निर्भर रहना पड़ता है. साथ ही भू-जलस्तर को बनाए रखने के लिए इस तालाब को बचाना बेहद जरूरी है. ऐसे में जरूरी है कि हमारे क्षेत्र का ये तालाब हर समय साफ सुथरा रहे. यही सोचकर अब बच्चे हो या बूढ़े, हम सब ने मिलकर इस तालाब को गंदगी से मुक्त करने का बीड़ा उठाया है.

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