भोपाल: आजकल पेट से जुड़ी चीजें बहुत आम हो गई हैं, और ग्राहकों के अनुसार, शरीर की ही सबसे बड़ी समस्या की शुरुआत पेट से होती है। अगर पेट स्वस्थ नहीं रहता तो अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। आयुर्वेद में पेट के इलाज के लिए कई पद्धतियाँ मौजूद हैं, जिनमें मिट्टी की थेरेपी भी शामिल है। इस थेरेपी की मदद से पेट से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

मिट्टी थेरेपी क्या है?
भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में चल रहे जनजातीय वैद्यक शिविर विभिन्न राज्यों से आए वैद्य अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को साझा कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के हरदा जिले से आए वैद्य रूप सिंह राजपूत के यहां मिट्टी की थेरेपी से न केवल पेट भरा जा सकता था, बल्कि त्वचा से जुड़ी समस्याओं के साथ भी काम चलाया जा सकता था। उनका कहना है कि आयुर्वेद में भी इस चिकित्सा पद्धति का वर्णन है।

लोक 18 को रूप सिंह राजपूत ने बताया, “मानव शरीर पांच उत्पादों से बना है, जिसमें मिट्टी भी शामिल है।” मिट्टी थेरेपी के माध्यम से हम शरीर से विषाणु निकाल सकते हैं। इस थेरेपी से लगभग 95% तक आराम मिलता है और किसी भी दवा की आवश्यकता भी नहीं होती है।”

पेट की समस्या से राहत
मिट्टी थेरेपी का उपयोग पेट से संबंधित कई समस्याएं होती हैं, जैसे:

अल्सर रोग
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल
पित्त पथरी
अपेंडिसाइटिस
अपच
लैक्टोज अशिष्णुता
गैस्ट्रोएंटेराइटिस
क्रोहन रोग
यह थेरेपी बिना किसी दवा के पेट की दवाओं से आरामदेह में प्रभावी साबित होती है।
मिट्टी चिकित्सा की प्रक्रिया
इस थेरेपी के लिए किसी भी प्रकार के खर्च की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें विचित्र मिट्टी के लेप का उपयोग पेट में किया जाता है, जिससे भोज्य पदार्थों और पेट की पकौड़ी जैसी समस्याओं में आराम मिलता है। थेरेपी की पूरी प्रक्रिया में 15 से 25 मिनट का समय लगता है, जिसमें मरीज को उसके पेट पर उल्टी मिट्टी लेप दी जाती है।

घर पर भी कर सकते हैं थेरेपी
मिट्टी की थेरेपी का उपयोग घर पर भी किया जा सकता है। इसके लिए एक फिट गहरी काली मिट्टी को घोल कर उसके लेप को 15 से 20 मिनट तक पिरोना या पेट पर ले जाना होता है। लगातार 10 दिनों तक इस प्रक्रिया को करने से पेट की समस्याओं में काफी राहत मिलती है।

लोगों को मिली राहत
भोपाल के निवासी अतुल राम ने बताया कि उनका पेट बार-बार कड़वी बना रहता था, जिससे उन्हें बहुत परेशानी होती थी। वैद्य द्वारा मिट्टी थेरेपी का उपयोग करने के बाद उन्हें तत्काल राहत मिली और कुछ ही समय में पेट का पन कम हो गया।

टैग: भोपाल समाचार, स्वास्थ्य, लोकल18

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

Source link