बीबीए बनाम बी.कॉम: बिजनेस या मैथ्स से एडमिशन लेने वाले बार-बार इस बात को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं कि अब आगे कौन सा कोर्स किया जाए- बीकॉम किया जाए या बीबीए। सारे लोगों को दोनों के बीच का फर्क भी नहीं पता चलता. अंतिम बीकॉम और बीबी इंटरनैशनल में क्या होता है और किस कोर्स को करने के बाद ऑनलाइन के अच्छे ऑफर मिलते हैं? तो आइए इसी तरह के अंतर को समझते हैं कि बीकॉम और बीबीए में क्या करना है और किसे करने पर शानदार पैकेज वाली रैंक मिल सकती है।

बीकॉम क्या होता है?
सबसे पहली बात बीकॉम की. बीकॉम का फुल फॉर्म होता है बैचलर ऑफ कॉमर्स (बैचलर ऑफ कॉमर्स)। बिजनेस में अपना बिजनेस बनाने वाले विद्यार्थी लगातार 12वीं से ही बिजनेस की पढ़ाई शुरू कर देते हैं और उसके बाद ग्रेजुएशन के लिए बीकॉम या बीबीए का चुनाव करते हैं। बैचलर ऑफ कॉमर्स एक डिग्री कोर्स है, जिसमें बिजनेस, इंटरनेट और स्टॉक एक्सचेंज की जानकारी दी गई है। बीकॉम में बिजनेस मैथ्स, बिजनेस लॉ, क्रिएटिव अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, जनरल बिजनेस आदि विषयों की पढ़ाई होती है।

क्या होते हैं परम्परागत?
एक आवेदक ने देखा कि 12वीं के बाद बीकॉम का कोर्स करने वाले छात्र अकाउंटिंग में रुचि रखते हैं। बीकॉम करने के बाद लीड चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), चार्टर्ड अनालिस्ट एनालिस्ट (सीएफए), चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीएमए) आदि कोर्स करके अपना सर्टिफिकेट बना सकते हैं, हालांकि इनके अलावा भी इनके पास कई शेयर होते हैं। इसी तरह, बीकॉम के बाद सीए या सीएस की कमाई लाखों में हो सकती है, क्योंकि सीए और सीएस बड़े-बड़े शेयरों के लिए काम करते हैं और इसके लिए उन्हें मोटी फीस मिलती है।

बे क्या होता है?
बीबी का फुल फॉर्म बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) है। यह भी एक बड़ी कंपनी का कोर्स होता है जिसमें 12वीं सदी के बाद दाखिला लिया जा सकता है। बीबी का कोर्स तीन साल में भी होता है, हालांकि कुछ देशों में यह चार साल में भी होता है। बीएई में मैरिएन रिसर्स, इंटरनेशनल बिजनेस इश्युअर्स, मार्केटिंग, इन फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और बिजनेसमैन आदि विषयों की पढ़ाई होती है।

बीबी के बाद कहाँ होते हैं बेहतर अवसर?
बीबीए करने वाले छात्रों के पास कई अमीरों में करियर बनाने के अवसर होते हैं। बीबी के बाद कोई भी अंतरराष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, वित्त और वित्त, बीमा, मानव संसाधन प्रबंधन, विपणन, पारिवारिक व्यवसाय और उद्यमिता, सूचना प्रौद्योगिकी और उद्यम उद्यम आदि क्षेत्रों में उद्यमिता बना सकता है। इन इलाकों में नौकरियों के अच्छे ऑफर मिल सकते हैं, जिनमें लाखों की संख्या में नौकरियां मिल सकती हैं।

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तो क्या होता है अंतर
इस तरह, बीकॉम करने के बाद जहां इच्छुक फाइनेंसियल और अकाउंटिंग में अपना बिजनेसमैन बनाया जा सकता है, वहीं बीबीए करने के बाद मार्केटिंग, शेयरहोल्डर से लेकर होम लोन रिसोर्सेज तक के एरिया में बिजनेसमैन बनाया जा सकता है। बीकॉम के बाद जहां युवाओं के पास कुछ सीमित क्षेत्रों में नौकरियां उपलब्ध हैं, वहीं बीबीए करने वालों के पास कई क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मौजूद हैं।

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