बिलासपुर: रतनपुर के बंगलाभाठा स्थित चर्च उद्घाटन कार्यक्रम के विवाद में तूल पकड़ लिया गया है। कोटा प्रमाणित अटल वैज्ञानिक के ‘भगवाधारी गुंडे’ वाले बयान पर अखिल भारतीय संत समिति और हिंदू धर्मगुरुओं ने कड़ा विरोध जताया है। समर्थकों ने सार्वजनिक माफ़ी की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर माफ़ी नहीं दी गई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस मामले में क्षेत्र में तनाव बढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक और अवसादग्रस्त सामाजिक माहौल गरमा गया है।

अभिकथन पर पुरजोर विरोध
रतनपुर के बंगलाभट्टा में एक प्रार्थना भवन का उद्घाटन किया गया था, जिसमें स्थानीय हिंदू विद्वानों के विरोध प्रदर्शन का मंचन किया गया था। कोटा के समर्थक अटलसाविथ ने इस विरोध के बाद एसपी कार्यालय को बाहरी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने अपने बयान में ‘भगवाधारी गुंडों’ का उल्लेख किया है, जिसे लेकर हिंदूवादी शिष्यों और भाजपा ने अगली कड़ी की तलाश की है।

अखिल भारतीय संत समिति एवं सर्व हिंदू समाज की प्रतिक्रिया
नाराज हिंदूवादी समर्थकों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अटलसाविर की सार्वजनिक रूप से माफ़ी की मांग की गई। विद्वानों ने चेतावनी दी कि यदि स्वतंत्रता की छूट नहीं दी गई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

प्रार्थना भवन उद्घाटन का विरोध
दो दिन पहले रतनपुर के बंगले में बने भवन का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अटल भगवान को आमंत्रित किया गया था। स्थानीय हिंदू शिष्यों और भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इसका विरोध किया, जिसका उद्देश्य शैक्षणिक कार्यक्रम करना है।

अंतिम दहन और हिस्से
हिंदूवादी विद्वानों ने रतनपुर के महामाया चौक पर अटलसाविथ का अंतिम संस्कार और जोरदार धमाके की बात कही। आतंकियों का आरोप है कि अटल वैज्ञानिक क्षेत्र में धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने के बाद हिंदू समर्थक उन्हें ‘भगवाधारी गुंडा’ कहकर विरोध कर रहे हैं।

विवाद का गंभीर प्रभाव
इस पूरे प्रकरण में क्षेत्र में धार्मिक और राजनीतिक सम्राट को गरमा दिया गया है। हिंदूवादी अनुयायियों और भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर विचारधारा को माफ नहीं किया गया तो उग्रवादी आंदोलन जारी रहेगा। प्रशासन की स्थिति पर नियंत्रण स्वामित्व का दबाव बढ़ गया है।

टैग: छत्तीसगढ़ समाचार, स्थानीय18

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