बिलासपुर: दीपावली के दौरान पटाखा गोदाम में आग लगने की स्थिति और शेयरधारकों की एकजुटता को कम करने के लिए जिला भर्ती अधिकारी दीपानकुर नाथ ने सीक्वल एड जारी की है। यह निर्देश मानक और मानक दोनों प्रकार के पटाखा मानक पर लागू होगा, जिसमें सुरक्षा मानकों का मानक से पालन सुनिश्चित करना जोर दिया गया है। असल में अपने गोदामों के निर्माण, सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था और किराये के कार्यालयों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता की स्थिति में संबंधित मित्रों को जिम्मेदार माना जाएगा।
आईएसओ के स्थान और संरचना पर सख्त नियम
अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि पटाखा गोदामों का निर्माण भीड़-भाड़ वाले गोदामों या रिहायशी इलाकों में न किया जाए। आईएसओ की संरचना में आग लगने वाले वैज्ञानिक सामग्री, जैसे टिन शेड, से निर्मित जेनेटिक सामग्री, और आग से बचने वाले नासा से उपचारित किया जाना आवश्यक है।
प्रकाश और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर प्रतिबंध
पटाखा गोदामों में तेल के लैंप, गैस लैंप और खुली बिजली की बत्तियों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, किसी भी दुकान के अंदर 50 मीटर के सिक्के का प्रदर्शन नहीं होगा।
ट्रेन और आपातकालीन उपकरण अनिवार्य
हर पटाखा दुकान में कम से कम 5 किलोमीटर की क्षमता का अग्निशामक यंत्र होना अनिवार्य है। साथ ही, दुकान के सामने 200 लीटर क्षमता वाले पानी के ड्रम और बाल्टी भी हमेशा तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
अभिलेखीय व्यवस्था और आपातकालीन वाहनों के लिए स्थान सुनिश्चित करें
पटाखा फैजाबाद के सामने बाइक और गाड़ियों की दुकानें पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगी। इसके अलावा, रेलवे वाहनों और एम्बुलेंस के लिए पर्याप्त स्थान रखना आवश्यक है ताकि आपातकालीन स्थिति में तत्काल सहायता प्रदान की जा सके।
भारतीय मानक 8758:2013 के आर्किटेक्चर सुरक्षा
भारतीय मानक 8758:2013 के संरचनात्मक ढांचे और अंतरराष्ट्रीय निर्माण के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आप किसानों को खरीद सकें।
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पहले प्रकाशित : 26 अक्टूबर, 2024, 17:54 IST