कोरबा. सिविल लाइन थाना क्षेत्र के खपराभट्ठा बस्ती में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यह घटना 2018-19 की है जब 33 साल की उम्र में सुशीला निषाद ने अपने पति विल्मिक वाल्मिक निक सूर्या की हत्या कर सिविल लाइन थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सूर्य का कोई सुराग नहीं मिला। बालको थाना क्षेत्र के सॉफ्टवेयर प्वाइंट में पुलिस को एक नर्ककाल मिला था। जिसके पास से एक चूड़ा की मुलाकात पर मृतक की पहचान विलियम वाल्मिकी के रूप में हुई।

ऑटो ड्राइवर ने दी खबर
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए सुशीला और उसके बेटों से पूछताछ शुरू की। शिकायत के बाद डीएनए जांच में हेलनकाल की पहचान विल्मिक वाल्मिकी के रूप में नहीं हो पाई। इस मामले में गहरी मंदी उत्पन्न हुई। मामले की जांच के लिए ऑटो ड्राइवर से पूछताछ में पुलिस को सच्चाई का पता चला। ऑटो ड्राइवर ने बताया कि सुशीला और उसका बेटा उसे गाड़ी में बिठाकर गाड़ी में बिठाकर ले गए थे।

जान से मारने की दी धमकी
रिपोर्ट के मुताबिक, पति-पत्नी के बीच आपसी विवाद के बाद सुशीला ने अपने पति का गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद अगली सुबह पठानकोट के बैंक में ऑटो में शव को चटाई में लपेटकर रखा गया। ऑटो चालक को शौच के लिए मजबूर करते हुए मां-बेटे ने शव को फोटो के पास के शीशे में फेंक दिया। ऑटो चालक से हत्या का राज़, अपहरणकर्ता का ख़तरा मां-बेटे ने उसे जान से मारने और किसी मामले में फंसाने की धमकी दी।

प्रतियोगिता की सजा
वकील कृष्ण दुबे ने बताया कि इस मामले की सुनवाई कोर्ट की पूछताछ में न्यायाधीश श्रीमती गरिमा शर्मा के बारे में हुई। अंत में सुशीला निशाद को एलायथ की सजा सुनाई गई। यह मामला समाज में अपराध और पारिवारिक विवाद के गंभीर पहलुओं को दर्शाता है, जो बताता है कि पारिवारिक कलह में हत्या जैसी जघन्य घटना भी हो सकती है।

पहले प्रकाशित : 9 नवंबर, 2024, 23:06 IST

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