मुंबई के पार्श्व गायक सुरेश भोसले की एंट्री हुई। राम जी की सेना चले गीत से उन्होंने शुरुआत की। इसके बाद एक हसीना थी, एक दीवाना थी…., तो जैसी तैसी…, जैसे एक के बाद एक शानदार शहीद अपने साथियों को देर रात तक समां बांधा रखा गया।

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