लक्षेश्वर यादव/जांजगीर चांपा: जांजगीर नैला के दुर्गोत्सव में इस बार एक नया और भव्य आकर्षण देखने को मिलेगा। नवरात्रि के इस पर्व पर माता के दरबार की सजावट के लिए 160 फुट ऊंचा और 200 फुट ऊंचा एकल द्वार बनाया जा रहा है, जिसमें विश्व प्रसिद्ध भगवान देव मंदिर की शोभा बढ़ाई जाएगी। यह प्रवेश द्वार शांति का संदेश देने वाली नई सुबह (भोर) का प्रतीक माना जाएगा।
इस संबंध में दुर्गा उत्सव समिति के राजेश पालीवाल ने स्थानीय18 को बताया कि जांजगीर नैला में पिछले 41 वर्षों से दुर्गा उत्सव की परंपरा बनी हुई है, लेकिन 2012 से लेकर हर बार नए स्वरूप और भव्य रूप में बनाई गई है, यहां के दुर्गा उत्सव समारोह की चर्चा देश के कोने-कोने में होता है. यहां सोने-चांदी, अमेरिकन डायमंड, रत्न जड़ित मूर्ति, 10 रुपए के सिक्के, 100, 200, 500, 2000 डॉलर के सिक्के से, नारियल से बनी मां की मूर्ति बनाई गई है। वहीं मां का मंदिर, महर्षि महल, पशुपति नाथ मंदिर, दिल्ली के अक्षरधाम का मंदिर समेत हर साल नए-नए आकर्षण बने रहते हैं।
पिछले 2-3 माह से तैयारी चल रही है
समिति के सदस्य अमित मठ ने लोकल18 को बताया कि पिछले 40 वर्षों से जांज गीर नैला रेलवे स्टेशन के पास दुर्गा उत्सव बनाया जाता था। लेकिन वहां रेलवे का निर्माण कार्य होने के कारण इस वर्ष स्थान में बदलाव किया गया है और नैला के अग्रसेन भवन के सामने दुर्गा उत्सव मनाया जाएगा, इस भव्य दुर्गा उत्सव को बनाने के लिए पिछले 2-3 महीने से तैयारी चल रही है है, जिसमें मूर्ति निर्माण के लिए भट्टगांव और शिवरीनारायण से कलाकार आए हैं। वहीं कच्चे माल के निर्माण के लिए कोलकाता से कलाकार आए हैं, जो दिन-रात की तैयारी में लगे हुए हैं। लाइटिंग के बारे में बताया गया कि दुबई के बुर्ज खलीफा की प्रसिद्धि इंटरनेशनल लाइटर जो कोलकाता में है। उनके द्वारा लाइटिंग की जाएगी और मातारानी के पीछे नेचेरथिम फूलों की वैली से जुड़ेंगे।
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पहले प्रकाशित : 26 सितंबर, 2024, 16:20 IST